नई दिल्ली: उपभोक्ता मूल्य आधारित मुद्रास्फीति (महंगाई दर) जून के 3.18 फीसदी से घटकर जुलाई में 3.15 फोसदी हो गई। यह रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित अधिकतम सीमा 4 फीसदी से काफी कम है। एक दशक पहले उपभोक्ता मूल्य आधारित महंगाई दर दोहरे अंकों में थी, लेकिन अब यह 3 फीसदी के आसपास ही है। यह उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि महंगाई में कम वृद्धि से उन्हें रोजमर्रा की जरूरतों पर कम खर्च करना पड़ता है। हालांकि, लगातार महंगाई दर कम रहना अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं है।
कम महंगाई=कम आमदनी: महंगाई दर में कमी का एक बड़ा कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों का नीचे रहना है। खुदरा महंगाई दर में इसकी हिस्सेदारी 55 फीसदी है। यह उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है, लेकिन ग्रामीण इनकम पर बुरा असर पड़ता है, क्योंकि इसका मतलब है कि किसानों की आमदनी कम होगी। कम महंगाई दर का यह भी मतलब है कि सामान्यतौर वेतन वृद्धि भी कम होगी, जबकि EMI का बोझ अधिक नहीं घटा है।
कम आमदनी=खर्च में कटौती: आमदनी में वृद्धि सुस्त होने से ब्याद दरें गिरती हैं, लोगों को रिटायरमेंट के लिए अधिक बचत को मजबूर होते हैं और विवेकाधीन खर्चों में कटौती करते हैं। किसानों को उनके उत्पाद की बाजार में कीमत कम मिलती है, जबकि उनकी लागत ऊंची ही बनी रहती है। इससे उनके लिए कर्ज चुकाना मुश्किल हो जाता है और वह खर्च में कटौती को बाधित होते हैं।
]टाइट बजट=कम मांग: ग्रामीण और शहरी इलाकों में कम खपत से वस्तुओं और सेवाओं की मांग भी कम होती है। मांग कम होने की वजह से कंपनियां कीमतों में इजाफा नहीं कर सकती हैं। इसका मतलब है कि वे अधिक मजदूरी नहीं दे सकती हैं और इससे आमदनी और कम होती है, जैसा कि अभी ऑटोमोबाइल सेक्टर में हो रहा है। मांग कम होने से ना केवल उपभोक्ताओं की प्राइसिंग पावर कम होती है, बल्कि निवेश और रोजगार सृजन में हतोत्साहित होता है। उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने पिछले महीने ट्वीट किया, ‘कम महंगाई अक्सर अच्छी चीज है। लेकिन ब्लड प्रेशर की तरह, यह हमेशा स्वास्थ्य का संकेत नहीं होता, यदि लगातार गिर रहा हो। मोटे तौर पर से ऊंची महंगाई से बढ़ते उपभोग और निवेश का संकेत मिलता है। कम ब्याज दरों और खपत बढ़ाने के उपायों के माध्यम से अर्थव्यवस्था में जान डालने की कोशिश से मदद मिल सकती है।’
निष्कर्ष: मध्यम दर्जे की महंगाई दर, जो उपभोक्ता को चुभे नहीं और कारोबारी गतिविधियों को सहारा दे, अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर है।