नई दिल्ली
तीन दिन रौद्र रूप दिखाने वाली यमुना आखिरकार अब शांत मूड में आने लगी है। जलस्तर पांच घंटे तक स्थिर रहने के बाद अब घटने लगा है। आशंका थी कि जलस्तर 207 मीटर पार कर जाएगा, लेकिन अब ऐसा नहीं लग रहा। जलस्तर घटने से प्रशासन ने राहत की सांस ली है। संतोष की बात यह भी है कि हथिनी कुंड बैराज से फिलहाल बहुत अधिक पानी नहीं छोड़ा जा रहा है, इसलिए अब दिल्ली में बाढ़ की संभावना कम हो गई है। तीन दिन पहले हथिनी कुंड बैराज से करीब 8.27 लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़े जाने के बाद लगने लगा था कि दिल्ली में यमुना बाढ़ का रेकॉर्ड बनाएगी। ऐसे में डूब क्षेत्र से हजारों लोगों को सरकारी कैंपों में भेजा गया था। केंद्रीय जल आयोग ने संभावना जताई थी कि आज सुबह यमुना का जलस्तर 207 मीटर को पार कर सकता है, जिसके बाद बाढ़ के हालात भयावह होंगे। इस आशंका को देखते हुए सरकार ने कल शाम एनडीआरएफ को अलर्ट मोड में डाल दिया था। विभिन्न पुश्तों पर और टैंटों के इंतजाम भी कर दिए थे। लेकिन सुबह नजारा बदलता दिखाई दे रहा था। ऐसा लग रहा है कि अब यमुना धीरे-धीरे शांत होती चली जाएगी। सुबह 5 बजे यमुना का स्तर अधिकतम 206.60 मीटर पर पहुंच गया था। यह करीब छह घंटे तक इतना ही रहा, जिसके बाद संभावना बनने लगी कि स्तर घटेगा। दूसरी ओर सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग को सूचना मिली कि पल्ला यूनिट ने यमुना का जलस्तर घटने की सूचना दी है, जिसके बाद बाढ़ में जुटे विभिन्न विभागों ने राहत की सांस ली। आयोग ने जानकारी दी कि दोपहर 1 बजे तक यमुना का जलस्तर 206.55 तक आ जाएगा और इसमें लगातार कमी आती रहेगी। कारण यह है कि हथिनी कुंड बैराज से बहुत सुबह मात्र 16 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। आयोग का कहना है कि चूंकि पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश की संभावना नहीं है, इसलिए लग रहा है कि हथिनी कुंड बैराज से पानी कम ही छोड़ा जाएगा। आयोग के एक अधिकारी का कहना है कि हरियाणा में यमुना का पानी बहुत अधिक फैल गया और वह उन इलाकों में भी घुस गया, जहां पहले नहीं जा पाता था। इसके चलते यमुना का जलस्तर 207 मीटर तक नहीं पहुंचा। यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से कम कब आएगा, यह कल शाम के बाद कहा जा सकेगा।