जयपुर
राजस्थान के संसदीय कार्य और शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर विवादित बयान दिया है। शांति धारीवाल ने कहा कि आरएसएसराष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान दोनों के खिलाफ था। शांति धारीवाल ने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी यह मानते थे कि अगर देश में सांप्रदायिक हिंसा फैलती है तो उसकी वजह आरएसएस होगा। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते राजस्थान के मंत्री शांति धारिवाल ने कहा, ‘राजीव गांधी सबसे ज्यादा परेशान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की विचाराधारा से थे। उनकी यह पक्की सोच थी कि यह देश अगर सबसे ज्यादा नुकसान उठाएगा, इस देश में सांप्रदायिक तनाव से सबसे अधिक नुकसान होगा तो वह आरएसएस की नीतियों की वजह से होगा।’
‘भगवा झंडा ही फहराना चाहता है आरएसएस’
उन्होंने कहा, ‘आरएसएस 1925 से कहता आया है कि राष्ट्रगान जन-गण-मन मन में देशभक्ति की भावना को नहीं जगाता जितना राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के गान से होता है। वे राष्ट्रगान के खिलाफ थे और खुलेआम कहा करते थे कि राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंगों के बजाय एक रंग भगवा ही होना चाहिए।’ धारीवाल बोले, ‘राष्ट्रीय ध्वज की जगह ये लोग (आरएसएस) केसरिया झंडा ही फहराना चाहते हैं। गोलवलकर (माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक तथा विचारक) ने राष्ट्रीय ध्वज का जबरदस्त अपमान किया था।’
‘आरएसएस में हो रही थी भगवा झंडे की वंदना’
शांति धारीवाल ने आगे कहा, ‘1929 में जब महात्मा गांधी ने पूरे देशवासियों से 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रता दिवस मनाने का आह्वान किया और लोगों से अपने-अपने घरों में तिरंगा झंडा लहराने की अपील की तब भी उस दिन संघ की शाखाओं में भगवा ध्वज की वंदना हो रही थी।’