पहले टेस्ट में कप्तान विराट तीन तेज गेंदबाजों के साथ उतरे थे और गेंदबाजों ने उन्हें निराश नहीं किया था। पहली पारी में जहां इशांत शर्मा वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों पर कहर बरसा रहे थे तो वहीं दूसरी पारी में जसप्रीत बुमराह ने महज सात पर पांच विकेट लेकर मेजबान टीम की पारी को ध्वस्त कर दिया था। टीम के तीनों तेज गेंदबाज बुमराह, इशांत और मोहम्मद शमी ने मिलकर कुल 18 विकेट चटकाए थे। दूसरी पारी में तो विंडीज के सभी 10 विकेट तेज गेंदबाजों ने लिए थे। ऐसे में विंडीज की टीम को भारत के तेज गेंदबाजी आक्रमण से बचना होगा। स्पिन गेंदबाजी में रवींद्र जडेजा गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों ही जगह बखूबी प्रदर्शन कर रहे हैं। वेस्टइंडीज के लिए सकारात्मक बात है कि उसकी गेंदबाजी बल्लेबाजी के मुकाबले बेहतर है और उसके गेंदबाजों ने भारतीय टीम को पहली पारी में ध्वस्त कर इसका परिचय दिया था। विंडीज के पास केमार रोच, शेनन गेब्रियल और जैसन होल्डर के रुप में बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण है जो भारतीय टीम के लिए परेशानी खड़ा कर सकता है। विंडीज की नजरें भी इस मुकाबले को जीतकर विश्व टेस्ट क्रिकेट चैंपियनशिप में अपना खाता खोलने पर लगी होगी। अगर विंडीज यह मुकाबला जीतने में सफल होती है तो वो ना सिर्फ सीरीज 1-1 से बराबर कर लेगी बल्कि 17 वर्षों बाद भारत के खिलाफ पहला टेस्ट मैच जीतकर टेस्ट जीत का सूखा खत्म कर लेगी। विंडीज को भारत के खिलाफ मुकाबला जीतना है तो उसके बल्लेबाजों को सधी हुई बल्लेबाजी करते हुए भारतीय गेंदबाजी का बेहतर तरीके से सामना करना होगा। भारत और वेस्टइंडीज के बीच इस मुकाबले में भले ही भारतीय टीम का पलड़ा भारी है लेकिन मेजबान टीम अपने गेंदबाजों के सहारे मैच का रुख पलट सकती है। ऐसे में भारतीय टीम के बल्लेबाजों पर अपनी टीम को संभालने की जिम्मेदारी होगी।