संदेश न्यूज। कोटा.
मैग्सेसे पुरस्कार विजेता एवं जल बिरादरी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने कहा कि नदियों के पुनर्जीवन के लिए गंदे नालों को नदियों में गिरने से रोकना ही होगा। इसके बाद ही चम्बल समेत सभी नदियों को स्वास्थ्य ठीक नहीं हो सकता है। केवल घाटों को सुधारने से नदी ठीक नहीं होगी और नदी ठीक नहीं होगी तो जनता का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं होगा। सिंह रविवार को दी इंस्टीट्यूशन आॅफ इंजीनियर्स (इण्डिया) कोटा लोकल सेंटर द्वारा ‘जल संरक्षण-सुरक्षित भविष्य की आवश्यकता’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय सेमिनार के समापन समारोह में मुख्यवक्ता के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि तालाब नदियों को सदानीरा बनाए रखने में मददगार होते हंै। तालाबों का अस्तित्व मिटा तो नदियों के खतरे को टाला नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि देशी तकनीक से जल स्रोतों को बचाने में जन जन को जुटना होगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक भरत सिंह ने कहा कि कोटा बैराज से छोड़ा जाने वाला जल, चम्बल की नहरों में छोड़ा जाना चाहिए। कम पानी की फसलों को प्रोत्साहन देना होगा। अधिक वर्षा हो जाए तो हम वर्षा जल की कदर नहीं करते जो कि घातक है। सिंह ने कहा कि राजनीतिज्ञों की सोच में जल की एक एक बूंद का महत्व होना चाहिए। महापौर महेश विजय ने कहा कि नगर निगम चम्बल को शुद्ध करने में अपनी भूमिका को समझ रहा है। अध्यक्षता करते हुए कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डीसी जोशी ने कहा कि कम पानी और पानी की अधिकता दोनों अवस्था का प्रबंधन करना समय की आवश्यकता है। उन्होंने इसके लिए विश्वविद्यालय में वोकेशनल ट्रेनिंग की घोषणा भी की। इस अवसर पर अतिथियों ने गंगा सत्याग्रह में प्राण त्यागने वाले वैज्ञानिक जीडी अग्रवाल पर श्वेत पत्र जारी किया। जल बिरादरी के प्रदेश उपाध्यक्ष बृजेश विजयवर्गीय ने राजेंद्र सिंह का परिचय देते हुए कहा कि चम्बल की चिंता और गंगा की चिंता एक जैसी है। सरकार के कुछ करने का मन बनाया है जो स्वागत योग्य है। इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष अनंद बर्दवा एवं सचिव सुनील बोहरा ने बताया कि सेमिनार में 5 सत्रों में 30 विशेषज्ञों का प्रजेंटेशन हुआ। मुंबई के अविनाश निमोनकर, इसरो के सुपर्ण पाठक ,दीपक श्रीवास्तव समेत 40 से अधिक विशेषज्ञों ने जल प्रबंधन व जल स्वच्छता के लिए कचरा प्रबंधन की नई तकनीकी और मशीनों के बारे में बताया। संयोजक सीकेएस परमार ने बताया कि इंस्टीट्यूट के इलेक्ट्रिक बोर्ड के चेयरमैन आरआर तंवर के अनुसार कोटा चेप्टर को देश में बेस्ट चेप्टर के अवॉर्ड के लिए चुना गया है। इस अवसर सभी भागीदारों व अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।