संदेश न्यूज। जयपुर.
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा संशोधित केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम बहुत जल्दबाजी में, बिना तैयारी, बिना समझाइश और राज्य सरकारों को विश्वास में लिए बिना लागू किया गया है। होना यह चाहिए था कि इसे पहले प्रयोग के रूप में तीन माह के लिए पायलट रूप में लागू किया जाता और राज्यों के साथ खुले मन से बात की जाती। जिस स्वरूप में यह कानून आज लागू किया गया है उसमें देश-प्रदेश की 80 प्रतिशत जनता का ध्यान नहीं रखा गया। खाचरियावास मंगलवार को शासन सचिवालय यह जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न पक्षों से बातचीत कर राज्य की शक्तियों के अधीन जनहित में कम्पाउण्डिंग राशि में वांछित परिवर्तनो के साथ नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। कुछ परिवहन अपराध ऐसे हैं जिनमें राज्य सरकार को कम्पाउण्डिंग फीस में राहत देने की शक्ति है। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कुछ सकारात्मक प्रयास किए जाने चाहिए थे।
निजी वाहनों पर नाम, पद, जाति, संगठन, गांव का नाम व विभिन्न चिन्ह लिखने पर प्रतिबंध
अब वाहन मालिक अपने निजी वाहनों पर अपना नाम, पद, जाति, भूतपूर्व पद या संगठनों के पदों का नाम, गांव का नाम तथा विभिन्न चिन्ह नहीं लिखवा सकेंगे। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय ने आदेश जारी किए। इस संबंध में पीएचक्यू एसपी ट्रेफिक चूनाराम जाट की तरफ से प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों, पुलिस कमिश्नरों और रेंज आईजी को मंगलवार, 3 मई को एक पत्र लिखा गया है। नागरिक अधिकार संस्था की सिफारिश पर गृह विभाग ने इस संबंध में पुलिस मुख्यालय को 20 अगस्त को आदेश जारी किए थे। इसकी पालना में राजस्थान पुलिस मुख्यालय से सभी पुलिस अधीक्षकों, रेंज आईजी व पुलिस कमिश्नरेट के लिए आदेश जारी किए। जानकारी के अनुसार नागरिक अधिकार संस्था के महासचिव सुरेश सैनी ने 9 अगस्त 2019 को एक पत्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखा था। जिसमें बताया कि कई लोग वाहनों पर नाम लिखवाकर दुरुपयोग कर रहे है। यह परम्परा दिनों दिन बढ़ती जा रही है। दिन प्रतिदिन वाहन चालकों में बढ़ रही ऐसी गतिविधियों से अशांति का वातावरण पनप रहा है, जो चरम पर है। इस परपंरा से जातिवाद भी पनप रहा है। वहीं, सड़क सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में भी वाहनों पर लिखवाए गए विभिन्न चिन्ह, स्लोगनों की वजह से अन्य वाहन चालकों का ध्यान भंग होता है।