संदेश न्यूज। कोटा.
कोटा के नए अस्पताल में बुधवार से पोस्टमार्टम रूम शुरू कर दिए जाएंगे। इसकी शुरुआत दोपहर 1.30 बजे होगी। इसका निर्णय मंगलवार को लिया गया तथा इस निर्णय के साथ ही नए अस्पताल की मोर्चरी के बाहर उगी खरपतवार हटा दी गई। इस मामले में मंगलवार को मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.विजय सरदाना ने बैठक की। बैठक में अस्पताल अधीक्षक, फोरेंसिक विभाग के एचओडी, नर्सिंग अधीक्षक व संबंधित कर्मचारी शामिल हुए और समस्याओं पर चर्चा की। डॉ.सरदाना ने तत्काल ही सभी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। उसके बाद शाम को पोस्टमार्टम रूम के आसपास की झांड़ियों को काटा गया और सभी व्यवस्थाएं की गई। सालों से बंद पडेÞ पोस्टमार्टम रूम की समस्या को चम्बल संदेश के रविवार के विशेष अंक में ‘मौत के गम पर भारी सरकारी लापरवाही’’ शीर्षक से प्रकाशित किया गया था। इसके बाद अस्पताल प्रशासन, मेडिकल कॉलेज के साथ शहर के जनप्रतिनिधि और सामाजिक संस्थाओं ने इस सुविधा के लिए मांग उठाना शुरू कर दिया था। सभी व्यवस्थाएं होने के बाद भी प्रशासनिक उदासीनता के चलते इसे शुरू नहीं किया जा रहा था। इस संबंध में कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने चिकित्सा मंत्री को पत्र लिखा था। दोनों ही अस्पतालों में प्रदर्शन व ज्ञापन देने के बाद प्राचार्य द्वारा बैठक में इसे बुधवार से ही शुरू करने का निर्णय लिया गया। बैठक में फोरेंसिक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक मूंदडा, नर्सिंग अधीक्षक राकेश त्रिवेदी सहित कईलोग उपस्थित रहे।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिया ज्ञापन
नए अस्पताल में पोस्टमार्टम शुरू करने की मांग को लेकर कांग्रेस नेता कुंदन चीता व बीटा स्वामी के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना को एमबीएस में ज्ञापन दिया। एसटी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष नरेन्द्र मीणा, महिला ब्लॉक अध्यक्ष बृजेश खिंची, युवा नेता सुनील राज, भवानी मीणा, आरिफ बोकड़ा, एडवोकेट निर्मला आर्य, विजय कोडप, नरेन्द्र सरपंच राजेश मालव, रइस खान, शाकिर खान, नरेश शर्मा, सरपंच परमानंद मीणा, सोहन मीणा, सरपंच कमल मीणा सहित अन्य कांग्रेसजन शामिल थे।
भाजपा कार्यकर्ता अधीक्षक से मिले
भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के कोटा दक्षिण प्रभारी राकेश नायक के नेतृत्व में भी नए अस्पताल में अधीक्षक को पोस्टमार्टम रूम शुरू करने को लेकिन ज्ञापन दिया। उसके बाद अधीक्षक डॉ.चन्द्रशेखर सुशील ने आश्वस्त किया कि पोस्टमार्टम रूम को शीघ्र ही शुरू कर दिया जाएगा। प्रवक्ता जितेन्द्र कश्यप, जिला मंत्री रचित जादौन, वार्ड अध्यक्ष मोनू पांचाल, मण्डल उपाध्यक्ष मनु प्रताप, समाजसेवी घनश्याम ओझा सहित कई लोग उपस्थित रहे।
नए पोस्टमार्टम रूम में ये होंगी व्यवस्थाएं
नए अस्पताल में एक मेडिकल ज्यूरिष्ट, दो मेडिकल आॅफिसर, एक इंचार्ज, दो नर्सिंग स्टॉफ व 4 स्वीपर लगा दिए गए हैं। न्यू मेडिकल कॉलेज अधीक्षक डॉ. सुशील ने बताया कि बैठक के बाद यहां सभी व्यवस्थाओं को पूरा कर लिया है। फ्रिजर को ठीक करा दिया है और स्टॉफ को लगा दिया गया है। इसके साथ ही यहां बैठने, पंखा, पानी व अन्य व्यवस्थाओं को भी कर दिया गया है। पोस्टमार्टम टेबल व फर्नीचर स्वयंसेवी संस्था द्वारा उपलब्ध करा दिया गया है। नए पोस्टमार्टम रूम में एक ज्यूरिष्ट को बदल-बदल कर यहां लगाया जाएगा और एमओ को आॅनकॉल बुलाया जाएगा। यहां 6 बॉडी को रखने की व्यवस्था रहेगी।
सिर्फ इच्छा शक्ति के अभाव में ही बंद था
एमबीएस चिकित्सालय में 1400 पोस्टमार्टम प्रतिवर्ष होते हैं। नए अस्पताल के लगातार यहां शव भेजे जाते हैं। एमएलसी के लिए भी पुलिसकर्मियों को यहां आना होता है लेकिन यहां पोस्टमार्टम होना शुरू होगा तो मृतक के परिजनों को शव को यहां से वहां लेकर जाने की समस्या से निजात मिल जाएगी, वहीं पोस्टमार्टम में लगने वाले समय की भी बचत होगी, साथ ही एम्बुलेंस का किराया भी दो से तीन बार नहीं देना होगा। अस्पताल प्रशासन की उदासीनता के चलते इसे शुरू नहीं किया जा रहा था। कांग्रेसजनों ने प्राचार्य को बताया कि नए मेडिकल कॉलेज में पिछले 4 साल से पोस्टमार्टम रूम तैयार है, लेकिन अस्पताल प्रशासन की सुस्ती और इच्छा शक्ति के अभाव में पोस्टमार्टम रूम आज तक चालू नहीं किया जा सका, जिस कारण परिजनों को 13 किलोमीटर दूर एमबीएस अस्पताल के पोस्टमार्टम रूम में शवों को पोस्टमार्टम के लिए लाना पड़ता है।
कर दी व्यवस्थाएं
बुधवार से पोस्टमार्टम रूम को शुरू कर दिया जाएगा। प्राचार्य ने बैठक के बाद निर्देशित किया था कि सभी व्यवस्थाएं कर पोस्टमार्टम को शुरू किया जाए। जो भी कमियां थी उन्हें दूर कर लिया गया है। – डॉ.चन्द्रशेखर सुशील, अधीक्षक, न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल कोटा
मेडिकल ज्यूरिष्ट नियुक्त किया
नए अस्पताल की मोर्चरी शुरू करने को लेकर बैठक की थी। बुधवार से मोर्चरी शुरू की जाएगी। एक मेडिकल ज्यूरिष्ट की नियुक्ति कर दी है, आवश्यकता पड़ने पर अन्य भी लगा दिए जाएंगे। – डॉ.विजय सरदाना, प्रिंसीपल, मेडिकल कॉलेज, कोटा