संदेश न्यूज। कोटा.
श्री भारतेन्दु समिति कोटा द्वारा आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामाह बाबू भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की 169वीं जयंति समारोह सोमवार को सीपी आॅडीटोरियम रोड नम्बर 1 पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला थे। अध्यक्षता वरिष्ठ सहकार नेता श्रीकृष्ण बिरला ने की। विशिष्ट अतिथि कॅरियर पॉइन्ट के निदेशक ओम माहेश्वरी, महापौर महेश विजय, विधायक संदीप शर्मा, समिति समन्वयक राजेश बिरला, हीरालाल नागर मंचासीन रहे। कार्यक्रम में हनुमान प्रसाद सक्सेना स्मृति सम्मान डॉ. राजलक्ष्मी कृष्णन चैन्नई व स्वर सुधा सम्मान योगेश गंधर्व मुम्बई को दिया गया। इसके अलावा 18 विभिन्न प्रांतों से आए साहित्यकारों को साहित्यश्री से सम्मानित किया गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भारतेन्दु हरिश्चन्द्र नव हिन्दी साहित्य के पितामह थे। उनके प्रयासों से हिन्दी साहित्य को जनाधार मिला। वह बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। नवजागरण के प्रणेयता के रूप में भी उन्हें याद किया जाता है। साहित्य व काव्य का योगदान आजादी के संघर्ष से है। देश में कवि और साहित्यकारों ने ही देश के निर्माण में अपनी भूमिका निर्वहन किया है। योगेश गंधर्व ने कहा कि भारतेंदु ने नवहिन्दुस्तानी हिन्दी कोष को गीतमय प्रस्तुत किया। गीत के माध्यम से उनके कार्य, ज्ञान, सम्पूर्ण विधा का एक सुंदर मंचन काव्य विधा में किया गया।
उनके लेखन के प्रकाश से आज भी उजियारा
राजेश बिरला ने हरिश्चन्द्र को साहित्य ज्ञान का सूर्य बताते हुए कहा कि उनके लेखन के प्रकाश का आज भी उजियारा है। उन्हें साहित्य जगत में सदा ही याद किया जाता रहेगा। इससे पूर्व लाडपुरा समिति भवन में देश के विभिन्न प्रांतों से आए साहित्यकारों ने भाग लिया। समिति के समन्वयक राजेश बिरला, महापौर महेश विजय एवं विधायक संदीप शर्मा, समिति महामंत्री सुनील जयसवाल साथ भारतेंदु हरिश्चन्द्र की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम में साहित्यकार मोहनलाल स्वर्णकार की गो चालीसा, चालीसा पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए महापौर महेश विजय ने कहा कि साहित्यकार हमें नई दिशा प्रदान करते हैं। मुख्य अतिथि विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि भारतेंदु हरिश्चंद्र की लिखी हुई पुस्तकें आज भी हमारी मार्गदर्शन करती हैं और हमारी प्रेरणा स्रोत हैं। साहित्यकार समाज को दर्पण दिखाने का काम करते हैं। समारोह का संचालन साहित्यकार रामेश्वर शर्मा ने किया।