संदेश न्यूज। कोटा.
कोटा बैराज से भारी मात्रा में पानी की निकासी के चलते कोटा शहर में चम्बल किनारे की कई बस्तियां लगातार तीसरे दिन भी पानी में डूबी रहीं। पहले से जलमग्न कुछ बस्तियोंं में पानी का लेवल और बढ़ने से रविवार को हालात बिगड़ गए। बस्तियों में फंसे लोगों को निकालने में जहां जिला प्रशासन व एसडीआरएफ की टीमें दिनभर भागदौड़ करती रहीं, वहीं कई इलाकों में सेना के जवानों ने भी मदद की। जयपुर से आए अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके गोयल ने पुलिस व जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बाढ़ से प्रभावित इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों से साढ़े चार हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। उनके रहने व भोजन की व्यवस्था भी की। प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के गांधी सागर बांध से रविवार को साढ़े छह लाख क्यूसेक पानी की निकासी की जाती रही। इसी क्रम में कोटा बैराज से शनिवार से भी ज्यादा 6 लाख 94 हजार क्यूसेक पानी रविवार को छोड़ा गया। इससे कोटा शहर के कुछ और इलाके जलमग्न हो गए, पहले से डूबी बस्तियों में पानी लेवल बढ़ने से संकट और बढ़ गया। इससे कई लोगों को घर छोड़कर दूसरी जगह शरण लेनी पड़ी।
धौलपुर में सेना बुलाई
भरतपुर. कोटा बैराज से भारी तादाद में पानी छोड़े जाने के बाद भरतपुर डिवीजन के सवाईमाधोपुर एवं धौलपुर जिलों में नदी किनारे बसे कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। हालात बिगड़ने की आशंका के मद्देनजर धौलपुर में सेना को बुलाया गया है। धौलपुर के प्रभारी एवं पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने बताया कि एसडीआरएफ एवं आरएसी को भी बुलाया गया है।
कोटा जिले के सभी विद्यालयों में आज अवकाश घोषित
जिला कलटर मुक्तानन्द अग्रवाल के निर्देश पर जिले में अधिक वर्षा एवं बाढ़ की स्थिति को देखते हुए निजी एवं सरकारी विद्यालयों में सोमवार को अवकाश घोषित किया गया है। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एचएल शिवहरे ने बताया कि यह आदेश सभी सरकारी एवं निजी व केंद्रीय विद्यालयों पर लागू रहेगा। अध्यापक स्कूलों में उपस्थित रहकर प्रशासन को आवश्यकता पड़ने पर बाढ़ राहत के संसाधन उपलब्ध कराएंगे। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिन सरकारी एवं निजी विद्यालयों में आश्रय स्थल बनाए गए हैं, उनमें विद्यालय के शिक्षक राहत कार्य में सहयोग करेंगे।
केबिनेट सचिव ने की समीक्षा
नई दिल्ली. केबिनेट सचिव राजीव गौबा ने रविवार को राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समीति की बैठक में मध्यप्रदेश और राजस्थान में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। केबिनेट सचिव ने बैठक में इन राज्यों में मौजूदा स्थिति, तैयारियों, बचाव तथा राहत अभियान का जायजा लिया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि संकट से निपटने के लिए राज्यों को तत्काल सहायता प्रदान की जाए।
मुरैना में चम्बल खतरे के निशान से ढाई मीटर ऊपर
मुरैना. कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के चलते मुरैना में चंबल नदी खतरे के निशान से लगभग ढाई मीटर ऊपर बह रही है। यहां चंबल किनारे बस 60 गांवों के लिए अलर्ट जारी करने के साथ ही 5 गांवों के 50 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। मुरैना में राजघाट पुल पर चम्बल का लेवल 138 मीटर के मुकाबले 140़ 30 मीटर हो गया है।
इटावा में तबाही, कई रास्ते बंद
इटावा. कोटा बैराज से छोड़े गए पानी से उत्तरप्रदेश के इटावा जिले के अनेक गांवों में तबाही हुई है। आवागमन अवरुद्ध हो गया। क्षेत्र के कांयछी हरौली, नीमाडांडा, चकरपुरा, भरेह, भरेह मंदिर, गढाकास्दा, नीवी, नदा आदि गांवों के रास्तों में पानी भरने से लोग घरों में ही कैद हो गए।