कोटा. आपदा राहत सचिव एवं आयुक्त पंचायतीराज आशुतोष एटी पेडनेकर ने गुरुवार को कोटा में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने यहां बने आश्रय स्थल और प्रभावित क्षेत्रों में किए जा रहे पुनर्वास के प्रयासों को देखा। इसके बाद उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक भी ली।
उन्होंने कहा कि कोटा जिले में नदियों में आए पानी के कारण कोटा में बाढ़ के हालात हुए और नदी के किनारे पर बसी अनेक बस्तियों में जल प्लावन की स्थिति पैदा हुई।
उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि अब नदी का पानी कम हो गया है इसलिए पानी भराव वाले स्थानों पर राहत एवं पुर्नवास कार्य तत्परता से किया जाए। प्रभावित क्षेत्रों में विभागवास किए जाने वाले कार्यों को चिन्हित कर उनकी विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें। उन्होंने कहा कि आम लोगों का जनजीवन सामान्य स्थिति में शीघ्रता से लाने के लिए सभी अधिकारी टीम भावना के साथ राहत एवं पुनर्वास कार्य में जुट जाएं। आवासों की सुरक्षात्मक दृष्टि से जांच करने, पानी भराव वाले स्थानों में बहकर आए हुए कचरे की सफाई, प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल, विद्युत सप्लाई को शीघ्र दुरूस्त करें। उन्होंने कहा कि जो भी आवास क्षतिग्रस्त हुए हैं, राजकीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचा हो अथवा व्यक्तिगत रूप से आम नागरिकों को हुए नुकसान का सर्वे कर समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि राहत कार्य में बजट की कमी नहीं आने दी जाएगी।
उन्होंने शहरी क्षेत्र में विद्युत एवं पेयजल तंत्र को हुए नुकसान को शीघ्र रिस्टोर कर सप्लाई चालू करने एवं उसका तकमीना बनाकर स्थाई रूप से समाधान के लिए सरकार को भिजवाने के निर्देश दिए।
पारदर्शिता के साथ हो सर्वे
उन्होंने कहा कि प्रभावित बस्तियों एवं गांवों का यथाशीघ्र सर्वे कराया जाकर रिपोर्ट भिजवाएं ताकि पीड़ित परिवारों को सहायता उपलब्ध कराई जा सके। सर्वे का कार्य पूर्ण पारदर्शिता के साथ किया जाए तथा पात्र व्यक्ति छूटे नहीं इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए। जिला कलक्टर मुक्तानन्द अग्रवाल ने बाढ़ राहत कार्यों के तहत जिला प्रशासन द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी दी। राहत कार्य में लगाए गए प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों एवं विभागों से उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान की जानकारी लेकर सर्वे शीघ्र करने के निर्देश दिए।
प्रभावित क्षेत्रों का किया निरीक्षण
आपदा राहत सचिव ने कोटा प्रवास के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जिले के दीगोद, उपखण्ड के छिपड़दा गांव में गए जहां बाढ़ के कारण निचली बस्तियों में हुए नुकसान का आमजन से चर्चा की तथा जायजा लिया। उन्होंने गांव में चल रहे चिकित्सा शिविर एवं आश्रय स्थल का भी निरीक्षण किया। उन्होंने शहर के खण्डगांवडी एवं नयापुरा आश्रय स्थल पर जाकर प्रभावित परिवारों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली तथा मौका निरीक्षण किया।