नई दिल्ली.
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारता मंत्री थावर चंद गेहलोत ने दिव्यांगजनों के प्रति सरकार की कटिबद्धता व्यक्त करते हुए सोमवार को कहा कि भारतीय सांकेतिक भाषा में शब्द संकेतों की संख्या अगले वर्ष तक 10 हजार तक पहुंच जाएगी। गेहलोत ने यहां विश्व सांकेतिक भाषा दिवस पर आयोजित ‘द्वितीय सांकेतिक भाषा प्रतिस्पर्धा 2019’ के विजेताओं के पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। सरकार दिव्यांगजनों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध है और कल्याणकारी योजनाओं के दायरे में सभी दिव्यांगजनों को लाना है। ‘भारतीय सांकेतिक भाषा शोध एवं प्रशिक्षण केंद्र’ छह हजार शब्द संकेतों का शब्दकोष तैयार कर चुका है और 2020 तक इसमें चार हजार और शब्द संकेत जोड़ दिये जाएंगे। सांकेतिक भाषा का इस्तेमाल मूक बधिर लोग करते हैं। समारोह में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और रतनलाल कटारिया तथा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। पुरस्कार वितरण समारोह में मूक बधिर छात्रों को सांकेतिक भाषा के माध्यम से चुटकले, कहानी और निबंध पढ़ने तथा कहने के लिए पुरस्कृत किया गया। प्रत्येक श्रेणी में छह छात्रों को पुरस्कार दिये गये।