मांट्रियल.
दुनिया में ड्रोनों का परिचालन अगले चार साल में तीन गुणा हो जायेगा और इसका ‘सुरक्षित इस्तेमाल’ एक बड़ी चुनौती होगी। अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईकाओ) की मंगलवार को शुरू हुई 40वीं आम सभा से अपेक्षाओं के बारे में बताते हुये अंतर्राष्ट्रीय हवाई यातायात संघ (आयटा) के महानिदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलेक्जेंडर डी जुनैक ने यह बात कही। जुनैक ने कहा ‘अनुमानों के अनुसार, वर्ष 2023 तक अमेरिका में ड्रोनों की संख्या तीन गुणा हो सकती है। दुनिया भर में भी सामान्यत: यही रुख है। इसे सुरक्षित हासिल करना एक चुनौती है।’ नागर विमानन क्षेत्र की सुरक्षा एक मॉडल है। विमानन उद्योग और सरकारों को वैश्विक मानक पर मिलकर काम करना चाहिये। ड्रोन की अपार संभावनाओं को सुरक्षित हासिल करने के लिए नवाचार की जरूरत है। आयटा ने कहा है कि ड्रोनों में काफी संभावनायें हैं। इनका इस्तेमाल ‘होम डिलिवरी’, शहर के भीतर हवाई यातायात और दूरस्थ इलाकों तक दवाओं तथा अन्य आपात सामग्रियों को पहुँचाने में किया जा सकता है। लेकिन इससे पहले हवाई क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है। भारत में ड्रोनों के वाणिज्यिक परिचालन को लेकर पिछले साल दिसंबर में नियम तय किये गये थे। देश में इनके इस्तेमाल की अनुमति दी जा चुकी है, लेकिन आपात स्थिति में ड्रोनों को निष्क्रिय करने की प्रौद्योगिकी पूरी तरह विकसित नहीं हो पाने के कारण अभी इनका वाणिज्यिक इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। आइकाओ की बैठक में ड्रोन के साथ ही जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने में विमानन उद्योग के योगदान, दिव्यांग यात्रियों के लिए अनुकूल रुख, उदंड व्यवहार वाले यात्रियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय नियम तैयार करना, यात्रियों की पहचान के लिए आधुनिक तथा आसान तरीके अपनाने और ‘ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम’ को हानिकारक इंटरफ्रेंस से बचाने के मुद्दों पर चर्चा की जानी है।