नई दिल्ली.
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बुधवार को कहा कि अन्य देशों की तुलना में देश में प्लास्टिक का उपयोग प्रति व्यक्ति सबसे कम है लेकिन इससे होने वाला प्रदूषण सबसे अधिक है जिस पर तत्काल ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। शेखावत ने यहां पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति मंच की ओर से दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर आयोजित ‘प्लास्टिक कचरा मुक्त भारत’ कार्यक्रम में कहा कि देश में जिस तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर स्वच्छता को लेकर जागरुकता आयी है उसी तरह जल संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण और प्लास्टिक के उपयोग एवं निपटान को लेकर भी जन जागृति की जरूरत है। मोदी के आह्वान पर जिस तरह से देश में स्वच्छता को लेकर लोग जागरुक हुए हैं, उसे दुनिया बड़े आश्चर्य के साथ देख रही है। प्रधानमंत्री की स्वच्छता के बारे गंभीरता का ही नतीजा है कि देश खुले में शौच से लगभग मुक्त हो गया है। प्लास्टिक के उपयोग को लेकर भी उसी तरह के अभियान और जन जागरण की जरूरत है। प्लास्टिक को हालांकि सर्वथा नकारा नहीं जा सकता है लेकिन इसके समझदारी से उपयोग तथा पुनर्चक्रीकरण की आवश्यकता है। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री ने कहा कि हमें घरों और सार्वजनिक स्थलों पर दो तरह के कूड़ेदान रखना चाहिए, एक कूड़ादान खासकर प्लास्टिक कचरा डालने के लिए होना चाहिए जिससे प्लास्टिक को अन्य कचरे से अलग एकत्र करके उसे पुनर्चक्रीकरण के जरिए पुन: उपयोग में लाकर इससे होने वाले प्रदूषण को न्यूनतम किया जा सके। शेखावत ने कहा कि प्लास्टिक के उपयोग से होने वाले प्रदूषण के बारे में शैक्षणिक समुदाय, बुद्धिजीवी और शोधार्थी मिलकर कोई समाधान निकालें और इसे जन चेतना और जन चर्चा के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाया जाये तभी इस गंभीर समस्या से बेहतर तरीके से निपटा जा सकेगा। शेखावत ने इस मौके पर प्लास्टिक कचरा निपटान आदि कार्य में महती योगदान देने वाले और कचरा बीन कर प्रदूषण कम करने में सहायक कुछ लोगों को सम्मानित भी किया।