न्यूयॉर्क. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से आतंकवाद पर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि हमने दुनिया को युद्ध नहीं बल्कि बुद्ध दिए हैं। हमारी आवाज में आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता और आक्रोश दोनों हैं। आतंकवाद मानवता और दुनिया के लिए चुनौती हैं। इस मुद्दे पर बंटी हुई दुनिया उन सिद्धांतों को चोट पहुंचाती है, जिनके आधार पर संयुक्त का गठन हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना ही आतंकवाद पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद के खिलाफ पूरी दुनिया का एकजुट होना जरूरी है। बिखरी हुई दुनिया किसी के भी हित में नहीं है। हमारे पास न तो अपनी सीमाओं में सिमटने का विकल्प है। हमें संयुक्त राष्ट्र को नई शक्ति और नई दिशा देनी ही होगी।’ मोदी ने कहा, कि पूरा विश्व इस साल महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है। सत्य और अहिंसा का उनका संदेश विश्व की शांति और प्रगति के लिए आज भी महत्वपूर्ण है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम मोदी ने हिंदी में ही अपनी बात रखी।
ग्लोबल वॉर्मिंग में योगदान कम, संरक्षण के प्रयास ज्यादा
पर्यावरण संरक्षण के लिए भारत के प्रयासों का ब्योरा देते हुए उन्होंने कहा, ‘हमारा कार्बन उत्सर्जन और ग्लोबल वार्मिंग में सबसे कम योगदान रहा है, लेकिन पर्यावरण के लिए हमारे प्रयास बड़े हैं। पीएम मोदी ने इंटरनेशनल सोलर अलायंस की स्थापना का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आने वाले 5 सालों में हम जल संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ ही 15 करोड़ घरों को पानी की सप्लाई से जोड़ने वाले हैं।
बौखलाए इमरान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से भी दी युद्ध की धमकी
न्यूयॉर्क. दुनिया भर के देशों से भाव न मिलने के बाद भी पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर को लेकर प्रॉपेगैंडा चलाने की कोशिश की है। पाकिस्तान के ँप्रधानमंत्री इमरान खान ने उन्मादी भाषण देते हुए कहा कि कश्मीर में जो हो रहा है, वह हथियार उठाने के लिए प्रेरित करने वाला है। कश्मीर पर झूठ का पुलिंदा बांधते हुए इमरान ने परमाणु जंग की भी धमकी दे डाली। पाक पीएम ने कहा, ‘यदि हम परमाणु जंग की ओर बढ़ते हैं तो संयुक्त राष्ट्र जिम्मेदार होगा। आपको इसे रोकना होगा। यदि दोनों देशों के बीच परंपरागत जंग छिड़ती है तो कुछ भी हो सकता है। लेकिन, आप सोचें कि यदि कोई देश अपने पड़ोसी देश के मुकाबले 7 गुना छोटा है तो फिर उसके सामने क्या विकल्प है। खुद को सरेंडर करना या फिर लड़ते हुए मरना। हम लड़ने का रास्ता अख्तियार करेंगे।’