संदेश न्यूज। कोटा.
श्री नाहरसिंगी माताजी मंदिर ट्रस्ट धर्मपुरा के तत्वावधान में आयोजित श्रीराम कथा में शुक्रवार को राम विवाह धूमधाम से किया गया। श्रद्धालुओं ने बैण्डबाजों के साथ नाचते-गाते हुए उल्लासपूर्वक रामबारात निकाली। इस दौरान जबरदस्त आतिशबाजी की गई। राम-जानकी के विवाह में श्रद्धालुओं ने बढ़-चढकर कन्यादान में भाग लिया। कथावाचक श्रीरामजी कोकिल बाबा ने ताड़का वध, अहिल्या उद्धार और सीता वरण का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि विश्वामित्र जब तपस्या करते थे तो राक्षस, दुष्ट लोग परेशान करते थे, हवन में मांस, मदिरा आदि डालकर धर्म भ्रष्ट करते थे। इसीलिए उनके मन में विचार आया कि रामजी का अवतार हो गया है तो क्यों ना अयोध्या जाकर राक्षसों के संहार के लिए श्रीराम और लक्ष्मण को ले आएं। अवधपुर में आकर उन्होंने राजा दशरथ से इस बारे में अवगत कराया। दशरथ जी बोले मुझे ले चलो, मैं राक्षसों को मारूंगा, तब विश्वामित्र जी ने कहा कि मारने के लिए नहीं मुझे तारने के लिए चाहिए, तारने वाला तो केवल परमात्मा है। लक्ष्मण और राम को लेकर के विश्वामित्र आगे बढ़े, ताडका का वध कराया। अहिल्या का उद्धार करवाया और सीता का वरण करवाया। कोकिल बाबा ने कहा कि अगर हमारे जीवन में कोई अच्छा संत मिल जाए तो हमारे उल्टे-सीधे जो कर्म हैं उनका वध कर देते हैं और हमारे हाथ से कोई ऐसा काम करा देते थे, किसी का उद्धार, किसी का हित, किसी का बहुत अच्छा काम करा देते हैं, जिससे परमात्मा के रजिस्टर में हमारा नाम लिख जाता है। ऐसे लोगों से मुलाकात करा देते हैं जिससे हमारे जीवन में चार चांद लगें। विश्वामित्र राम व लक्ष्मण को आगे अपने आश्रम ले गए, हवन यज्ञ की शुरूआत हुई, उन्होंने यज्ञ किया, यज्ञ की रक्षा हुई। उसके बाद स्वयं विश्वामित्र, रामजी को लेकर जनकपुर की तरफ ले जा रहे थे, बीच में अहिल्या मिली उनका उद्धार करते हुए रामजी महाराज जनकपुर तरफ गए। ट्रस्ट के मंत्री राम गौतम ने बताया कि कथा विश्रान्ति पर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रहलाद पंवार, आरएसएस के संपर्क प्रमुख डॉ. चंद्रदेव, टेन्ट व्यवसायी जवाहर बंसल, जगमोहन गौतम, नयापुरा व्यापार संघ के अध्यक्ष डॉ. डीके शर्मा ने रामायण की आरती की।