संदेश न्यूज। कोटा.
श्री नाहरसिंगी माताजी मंदिर ट्रस्ट धर्मपुरा के तत्वावधान में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा के अंतिम दिन सोमवार को श्रोताओं की भारी भीड़ उमड़ी। कथावाचक रामजी महाराज कोकिल बाबा ने जब राम भक्त हनुमान के समुद्र यात्रा का वर्णन किया तो कथा प्रेमियों ने गगनभेदी जयकारा लगाकर वातावरण को धार्मिकमय बना दिया। कोकिल बाबा ने अंतिम दिन की कथा में सीता हरण, लंका दहन, राम-रावण युद्ध, विभीषण का राज्याभिषेक सहित राजा राम के राज तिलक प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन किया। महाराज ने कहा कि रामायण हमें जीने के तरीके सिखाती है। दूसरों की सम्पत्ति चाहे कितनी भी मूल्यवान हो उस पर हमारा कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार भगवान श्रीराम ने दीन-दुखियों, वनवासियों आदिवासियों के कष्ट दूर करते हुए, उन्हें संगठित करने का कार्य किया एवं उस संगठित शक्ति के द्वारा ही समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर किया। हर राम भक्त का दायित्व है कि पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करें। यह राम कार्य है। श्रीराम के राज्याभिषेक का वर्णन किया और बताया कि बुराई और असत्य ज्यादा समय तक नहीं चलता। अन्तत: अच्छाई और सत्य की जय होती है। अधर्म पर धर्म की जीत हमेशा होती आई है। श्रीराम के राज्याभिषेक के प्रसंग के दौरान पूरे पंडाल में पुष्पों की वर्षा भक्तों द्वारा की गई। कथा के अन्त में पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने सपत्निक रामायणजी की आरती कर कथा का विश्राम दिया। कथा की पुणार्हूति पर महाप्रसादी हुई, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की।