संदेश न्यूज। कोटा.
शहर के एक हॉस्टल में हाल ही में आग की घटना के बाद विद्यार्थियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करने के लिए जिला कलक्टर ओम कसेरा ने बैेठक बुलाकर हॉस्टलों के लिए गाइड लाइन की पालना की समीक्षा की तथा सख्त आदेश जारी किए। होस्टलों में प्रत्येक नियम की पालना की जांच कर पालना के लिए अंतिम समय देने के बाद अब सीज की कार्रवाई की जाएगी। शहर के सभी होस्टलों का डोर टू डोर सर्वे कर पुलिस एवं नगर निगम की टीम डाटाबेश तैयार करेगी। प्रशासन द्वारा एक फार्म तैयार कराया जाएगा, जिसमें होस्टल एवं विद्यार्थियों के बारे में पूरी जानकारी भरकर होस्टल संचालक को देनी होगी। जिला कलक्टर ने नगर विकास न्यास के अधिकारियों को बिना अनुमति के निमार्णाधीन होस्टलों को तुरन्त सीज करने की कार्यवाही के आदेश दिए। नगर निगम सभी होस्टलों में अग्निशमन उपकरणों की जांच कर आधुनिक उपकरणों जैसे फायरबॉल आदि की सूची तैयार कर अनिवार्य रूप से लागू करवाएं। नगर निगम संकरी गलियों के लिए मोटर साईकिल पर चलने वाले अग्निशमन उपकरण क्रय की कार्यवाही करेगा। जिला प्रशासन एवं पुलिस के आला अधिकारी कोचिंग संस्थानों के माध्यम से विद्यार्थियों से सीधा संवाद करेंगे। प्रतिमाह कोचिंग संस्थानों में अधिकारी जाकर विद्यार्थियों से रूबरू होते हुए फीडबैक भी लेंगे। होस्टलों एवं कोचिंग संस्थानों की फायर सेफ्टी आॅडिट एवं मोकड्रिल अनिवार्य की जाएगी। होस्टलों में चल रहे अवैध मैस को सीज किया जाएगा। होस्टलों को एक-दूसरे से लिंक करवाने के लिए निर्देश जारी किए जाएंगे, जिससे आकस्मिक घटना के समय विद्यार्थी दूसरे होस्टल से निकल सकें। जिला कलक्टर ओम कसेरा ने अधिकारियों की बैठक मेें शहर में होस्टलों के लिए प्रशासन द्वारा जारी गाइड लाइन एवं नियमों की पालना की समीक्षा कर अवैध एवं नियम विरूद्ध संचालित हो रहे होस्टलों के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही करने के सख्त निर्देश दिए। इस दौरान पुलिस अधीक्षक शहर दीपक भार्गव, अतिरिक्त कलक्टर प्रशासन नरेंद्र गुप्ता, आयुक्त नगर निगम वासुदेव मालावत, सचिव यूआईटी भवानीसिंह पालावत सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
चम्बल हॉस्टल एसोसिएशन की सुरक्षा कार्यशाला
चम्बल हॉस्टल एसोसिएशन द्वारा सोमवार को लैण्डमार्क सिटी में आगजनी की घटना से बचने के उपायों एवं सुरक्षा को लेकर हॉस्टल व्यवसायियों एवं कोचिंग छात्रों के लिए कार्यशाला का आयोजन अध्यक्ष शुभम अग्रवाल की अध्यक्षता में किया गया। बैठक में आगजनी की घटना न हो एवं हॉस्टलों में निवास करने वाले विद्यार्थियों को आगजनी की घटना से कैसे बचाया जाए, उस पर चर्चा हुई, कार्यशाला में मुख्यवक्ता पीडब्ल्यूडी के रिटायर्ड इंजीनियर एवं आर्किटेक्ट वेलफेयर सोसाइटी राजस्थान के तकनीकी विशेषज्ञ आरपी शर्मा ने कहा कि जो हॉस्टल बन चुके हैं, उनमें संरचनात्मक रूप से सुधार की गुंजाइश बहुत कम है, इसलिए हॉस्टल संचालकों को किसी भी स्थिति से निबटने के लिए कम से कम फायर सिलेण्डर, स्मूव डिटेक्टर, सुरक्षित सीढियां व अन्य उपकरण आवश्यक रूप से रखें जाएं। साथ ही लकड़ी के दरवाजे, खिड़कियों, कुर्सी, टेबल व इस तरीके के अन्य सामान को अग्निरोधी पेन्ट व रसायन से पेन्ट करने चाहिए, ताकि बच्चों को बाहर निकलने का समय मिल सके। उन्होंने कहा कि हमारी संस्था आगजनी की घटनाओं से बचाव के लिए पीडब्ल्यूडी के रिटायर्ड चीफ इंजीनियर धीरेन्द्र माथुर के नेतृत्व में कोटा शहर में काम कर रही है। जिसमें 55 इंजीनियर काम कर रहे हैं।संस्था द्वारा पिछले दिनों आगजनी की घटनाओं को देखते हुए हॉस्टल संचालकों को तकनीकी जानकारी देकर प्रशिक्षण देकर आगजनी की घटना रोकने के लिए संसाधन रखने की सलाह दे रही है। उन्होंने कहा कि आगजनी की घटना होने पर कोचिंग छात्र उससे कैसे बचें, इसे लेकर वीडियो क्लिप के माध्यम से बच्चों को भी जागरूक किया जा सकता है। इस दौरान उन्होंने कोचिंग छात्रों को भी कार्यशाला के माध्यम से जानकारी दी। इस अवसर पर चम्बल हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष शुभम अग्रवाल एवं महासचिव सुनील विजयवर्गीय ने कहा कि कोटा के सभी हॉस्टल संचालकों को फायर स्पेशलिस्ट के माध्यम से स्वयं व कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिलाकर फायर सेफ्टी के सभी उपायों को पूरा किया जाएगा। हॉस्टल व्यवसाय इस मुद्दे पर पूरी तरह से गंभीर हैं। हॉस्टल एसोसिएशन जहां पर भी फायर सेफ्टी के नियमों में कमी देखेगी उसे पूरा भी करवाएगी। इस कार्य हेतु पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है जो इन सभी कार्यांे को देखेगी। इसके लिए सभी एसोसिएशन अपने-अपने एरिया में भी कमेटी बनाएगी।
गाइड लाइन की अक्षरश: पालना करवाई जाए
जिला कलक्टर ने कहा कि नियमों की पालना नहीं करने वाले होस्टल संचालकों के खिलाफ विभाग संयुक्त कार्यवाही करें। प्रशासन द्वारा जारी गाइड लाईन की अक्षरश: पालना कराई जाए। जिससे भविष्य में अग्नि जनित अथवा अन्य किसी प्रकार की घटना को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि देश भर से शिक्षा के लिए आने वाले बच्चे कोटा वासियों के भरोसे पर आकर अध्ययन करते हैं, ऐसे में हम सभी का दायित्व बन जाता है कि बच्चे पूर्ण रूप से सुरक्षित एवं तनावमुक्त होकर अपने लक्ष्य को हासिल कर सके। उन्होंने कहा कि अधिकारी होस्टल एवं कोचिंग क्षेत्रों में विशेष निगरानी तंत्र विकसित करें जिससे किसी भी बच्चे को परेशानी होने पर प्रशासन तक निर्भय होकर जानकारी पहुंचा सके। उन्होंने कोचिंग संस्थानों से डाटा बेश लेकर विद्यार्थियों को आकस्मिक घटनाओं के समय बचाव एवं तनावमुक्ति से संबंधित सकारात्मक संदेश पहुंचाने के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सुरक्षात्मक दृष्टि से अनिवार्य सभी बिन्दुओं की पालना सख्ती से कराई जाएगी। उन्होंने होस्टलों में अलार्म सिस्टम को प्रत्येक मंजिल पर अनिवार्य करवाने का सुझाव दिया।