संदेश न्यूज। कोटा.
कोटा हार्ट इन्स्टीट्यूट में निशुल्क नेत्र एवं रेटिना जांच शिविर आयोजित किया गया। शिविर में 153 मरीजों की नेत्र एवं रेटिना की जांच निशुुल्क की गई। शिविर में डॉयबिटिज और हाईपरटेंशन के मरीजों के आंख के पर्दे की जांच की गई। शिविर में चयनित मरीजों का इलाज न्यूनतम दरों पर किया जाएगा। नेत्र एवं रेटिना की जांच डॉ. विनीता गर्ग (नेत्र एवं रेटिना विशेषज्ञ) द्वारा की गई।
नेत्र चिकित्सकों ने किया आमजन को जागरुक
छत्र विलास उद्यान में नेत्र रोगियों व आमजन को आंखों की बीमारियों से बचाव, लक्षण व उपचार के बारे में शहर के नेत्र चिकित्सकों ने परिचर्चा कर जानकारी दी। कोटा संभाग नेत्र चिकित्सक सोसाइटी द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उद्यान में प्रात: भ्रमण पर आने वाले बुजुर्ग व जरुरतमंद नेत्र रोगियों के लिए यह बहुत सुखद अहसास था और उन्हें बड़ी खुशी हुई की शहर के सभी नेत्र चिकित्सकों ने उनके मन के प्रश्नों, भ्रांतियों व अनसुलझे सवालों के जवाब भी दिए। नेत्र डिविजन ओप्थोमोलॉजिकल सोसाइटी के सचिव डॉ. संजय गुप्ता व अध्यक्ष डॉ. विशाल स्नेही ने बताया कि इस अवसर पर मोतियाबिंद , कालापानी , मधुमेह से आंख के परदे में होने वाली बीमारियों, दृष्टि दोष आदि के बारे में बताया गया। इस अवसर पर डॉ. विशाल स्नेही, डॉ. संजय गुप्ता, डॉ. राजेंद्र चंदेल, डॉ. अशोक मीणा, डॉ. सुरेश पांडेय, डॉ. सुधीर गुप्ता, डॉ. निपुण बगरेचा, डॉ. कमलेश केदावत, डॉ. देव कर्णालिया, डॉ. रश्मि अग्रवाल ने रोगियों को परामर्श दिया।
किशोरावस्था में हाईपरटेंशन व खानपान से बढ़ रहा डायबिटीज : डॉ. दयाकृष्ण
देश में 30 वर्ष से कम आयुवर्ग के युवाओं में डायबिटीज बढ़ रहा है, जिसका समय पर उपचार शुरू किया जाना आवश्यक है। किशोरावस्था में हाईपरटेंशन व खानपान से ये बीमारी बढ़ती जा रही है। ये बात गुरुवार को पत्रकारवार्ता में इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेनेजमेंट एण्ड रिसर्च यूनिवर्सिटी के डीन प्रो. डॉ. दयाकृष्ण मंगल ने कही। वे इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन कोटा के तत्वावधान में विश्व दृष्टि दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कोटा आए थे। उन्होंने कहा कि देश में 3 हजार युवा प्रतिदिन किसी बीमारी या अन्य कारण से मौत के शिकार हो जाते हैं। दुर्घटनाएं, कुपोषण, झगड़ा फसाद, आत्महत्या, तनाव भी युवाओं में मौत के बड़े कारण बनकर सामने आ रहे हैं। कोटा जिले में करीब 6 हजार लोग ऐसे हैं जो 30 वर्ष से कम के हैं और उन्हें डायबिटिज है। इस मौके पर डॉ. डीके मंगल. डॉ. केके पारीक, डॉ. एमएस सूरी, डॉ. जीडी रामचन्दानी, डॉ. एस सान्याल, डॉ. अखिल जोशी, टैक्स सलाहकार एमएल पाटौदी, एडवोकेट महेशचन्द गुप्ता, उद्योगपति गोपाल सपरा को रखा गया है।
जागरुकता से जीत सकते हैं डायबिटीज से
विश्व दृष्टि दिवस पर गुरुवार को आईएमए हॉल पर सीएमई का आयोजन किया गया। आईएमए के अध्यक्ष डॉ. एस सान्याल तथा सचिव डॉ. केके डंग ने बताया कि सीएमई में मुख्यवक्ता इण्डियन इंस्टीट्यूट आॅफ हेल्थ मैनेजमेंट एण्ड रिसर्च यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एवं डीन डॉ. दयाकृष्ण मंगल थे। विशिष्ठ अतिथि एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन आॅफ इण्डिया के अध्यक्ष डॉ. केके पारीक थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. विजय सरदाना ने की। इस अवसर पर डॉ. मंगल ने किशोरवय में रोग की रोकथाम एवं स्वास्थ्य संवर्द्धन की भूमिका के बारे में व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि लोगों को जितना जागरुक किया जाएगा, उतना ही डायबिटिज से लड़कर जीतने में पीड़ित को मदद मिलेगी।