संदेश न्यूज। कोटा.
नगर निगम की ओर से प्रशासनिक स्वीकृति के बगैर रीको के औद्योगिक क्षेत्र में रोड नम्बर-7 स्थित पार्क में मिट्टी डलवाने के प्रकरण में चल रही जांच के तहत राज्य सरकार ने महापौर महेश विजय और इस कार्य से जुड़े अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता नोटिस देकर जवाब मांगा है। स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक उज्ज्वल राठौड़ ने सोमवार को महापौर महेश विजय, अधिशासी अभियंता अब्दुल कय्यूम कुरैशी, सहायक अभियंता मोती लाल चौधरी और कनिष्ठ अभियंता तौफिक अहमद को यह नोटिस भेजा। नोटिस में पंद्रह दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है। नोटिस के साथ जांच रिपोर्ट की प्रति भी भेजी गई है। नोटिस में कहा गया कि नगर निगम ने 2 अपै्रल 2018 को जारी आदेश में वरदान ट्रेडर्स के माध्यम से विभिन्न पार्कों में मिट्टी डलवाने का कार्य करवाया गया था। जिसमें रीको औद्योगिक क्षेत्र में रोड नम्बर 7 पर स्थित नालंदा एकेडमी स्कूल के पश्चिम दिशा में स्थित पार्क में भी मिट्टी डलवाई गई थी। जबकि यह पार्क नगर निगम का नहीं है और रीको के स्वामित्व का है। इस कार्य के लिए रीको के तरफ से न तो मांग की गई थी, न ही कोई अनापत्ति जारी की गई थी। रोड नम्बर 7 का यह पार्क आबादी क्षेत्र से दूर है। जिससे आमजन के उपयोग की संभावना कम है। इस पार्क की पूर्वी दीवार महापौर महेश विजय के स्कूल नालंदा अकेडमी से सटी हुई है। स्कूल प्रबंधन ने इस पार्क में 14 फीट चौड़ा दरवाजा भी निकाला हुआ है। ताकि स्कूल के बच्चे इस पार्क में खेल सकें। इस तरह नालंदा अकेडमी को लाभ पहुंचाने के लिए पार्क में मिट्टी भरवाई गई। पार्क में मिट्टी भरवाने से पहले स्कूल का गेट बंद करवाना आवश्यक था।
उपायुक्त को नहीं दिखाई जगह
नोटिस में कहा गया कि पत्रावली में आयुक्त की टिप्पणी के अनुसार प्रत्येक पार्क में मिट्टी डलवाने के लिए अलग से स्वीकृति लेने और मिट्टी डलवाने से पूर्व उपायुक्त को मौका दिखाने के निर्देश थे। लेकिन दोनों निर्देशों को ध्यान में नहीं रखकर नालंदा अकेडमी स्कूल को फायदा पहुंचाने के लिए नालंदा अकेडमी का गेट बंद कराए बगैर निगम के राजस्व से रीको के पार्क में मिट्टी डलवाई गई है। जिसके लिए आप जिम्मेदार हैं।
बोर्ड बैठक में हुआ था हंगामा
गौरतलब है कि मिट्टी घोटाले को लेकर नेता प्रतिपक्ष अनिल सुवालका और पार्षद दिलीप पाठक ने नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल को पत्र देकर जांच की मांग की थी। जिस पर डीएलबी ने अधीक्षण अभियंता पे्रम शंकर शर्मा से इस प्रकरम की जांच करवाई। जांच रिपोर्ट विगत बोर्ड बैठक में नेता प्रतिपक्ष सुवालका के कहने पर सार्वजनिक की गई। जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करते ही कांगे्रस के पार्षदों ने महापौर महेश विजय से इस्तीफे की मांग करते हंगामा कर दिया था। भाजपा के पार्षद तब महापौर महेश विजय के समर्थन में आ गए। मामला इतना बढ़ गया था कि भाजपा के पार्षद कांगे्रस के पार्षदों से हाथापाई करने तक पहुंच गए थे।
महापौर ने कहा, नोटिस राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित
नोटिस को लेकर महापौर महेश विजय ने कहा कि रीको के क्षेत्र में नगर निगम और यूआईटी ने जनता की मांग पर करोड़ों के कार्य करवाए हैं। जनता की मांग को देखते हुए पार्क में मिट्टी डलवाने से पहले टेंडर कर तत्कालीन आयुक्त ने कार्यादेश दिया था। तब जाकर ही मिट्टी डलवाई है, राज्य सरकार ने जो नोटिस जारी किया है, वो राजनीतिक दुर्भावना से पे्ररित है।