संदेश न्यूज। कोटा/जयपुर. कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन एवं महासचिव अशोक माहेश्वरी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जयपुर में नगरीय विकास एवं स्वायत्तशासन मंत्री शांति कुमार धारीवाल से भेंट की और उन्हें कोटा में औद्योगिक क्षेत्र के भूखंडों पर हॉस्टल बनाने वाले उद्यमियों पर आए संकट की जानकारी दी। रीको ने इन हॉस्टल मालिकों के भूखंड निरस्त कर उन्हें वहां से बेदखल करने के नोटिस थमा रखे हैं। इसके तहत रीको इन भूखंडों का अधिग्रहण करेगा। महासंघ के पदाधिकारियों के अनुसार नगरीय विकास मंत्री ने समस्या का उचित समाधान निकालने का आश्वासन दिया है। कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक ने स्वायत्त शासन मंत्री को संपूर्ण घटनाक्रम से अवगत कराते हुए बताया कि वर्तमान में कोटा में काफी उद्योग बंद हो चुके हैं। इन्द्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र में 75 प्रतिशत से अधिक व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हैं। जिसमें कई मॉल, 10 से अधिक कोचिंग संस्थान, आॅटो मोबाइल के शोरूम, पेट्रोल पम्प, इलेक्ट्रोनिक के सामानों के शोरूम, खाद्य बीज की दुकानें एवं हॉस्टल व होटल आदि शामिल है। मई-2014 से पहले इस क्षेत्र में रीको द्वारा व्यवसायिक गतिविधियों की अनुमति दी जाती थी। इस क्षेत्र में कोचिंग संस्थानों के आने से बंद पड़े उद्योगों में नई स्फूर्ति आई और उद्योगों में भारी घाटा खा चुके उद्यमियों ने कर्ज लेकर कर्जा लेकर वर्ष 2012 के बाद यहां हॉस्टल्स का निर्माण किया। वर्ष 2012 से 2015 के बीच सभी हॉस्टल पूर्णतया संचालित होने लगे, लेकिन मई 2014 से बिना किसी वजह से रीको ने इन्द्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति पर रोक लगा दी। 15 सितम्बर 2019 से रीको ने इन भूखंडों के अधिग्रहण करने की कार्यवाही के नोटिस दे दिए। इस कारण उद्यमी फिर मुश्किल में फंस गए हैं। कोटा में इस वक्त कोचिंग एवं हॉस्टल व्यवसाय ने ही कोटा की अर्थव्यवस्था को संभाल रखा है। रीको एरिया में बने हॉस्टल कोचिंग संस्थानों के आस-पास ही हैं। इससे विद्यार्थियों के कोचिंग आने-जाने में समय की बचत होती है और वे सुरक्षित भी हैं। कोटा की आर्थिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए यहां कोचिंग एवं हॉस्टल व्यवसाय को संबल देना जरूरी है। कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन ने धारीवाल को बताया कि कोटा में कोचिंग एवं हॉस्टल व्यवसाय से करीब 5 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है। रीको के नोटिस से उद्यमियों में भय का माहौल है। यदि उन्हें बेदखल किया तो उद्यमियों का का भविष्य बर्बाद होने की कगार पर आ जायेगा। साथ ही हजारों लोग बेरोजगार हो जाऐंगे। इसलिए रीको की कार्रवाई को रुकवाकर इस क्षेत्र को शैक्षणिक जोन घोषित करने की प्रक्रिया अपनाई जाए। प्रतिनिधिमंडल में शामिल दी एसएसआई एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविन्द राम मित्तल ने कहा कि रीको के हॉस्टलों के भूखण्ड निरस्त कर अधिग्रहण करने की कार्यवाही से उद्यमियों को भारी आर्थिक नुकसान होगा। रीको की कार्यवाही को रोककर उद्यमियों को राहत प्रदान की जाए। प्रतिनिधिमंडल में दी एसएसआई एसोसिएशन के पूर्व महासचिव अमित सिंघल एवं अजय मित्तल भी शामिल थे।
सरल और उचित समाधान का आश्वासन
महासंघ के पदाधिकारियों के अनुसार धारीवाल ने प्रतिनिधिमंडल की पूरी बात सुनकर आश्वस्त किया कि कोटा के लिए यह गम्भीर विषय है जो कोटा के शैक्षणिक माहौल एवं रोजगार से जुड़ा हुआ है, जिसे सरकार किसी भी हालत में बिगड़ने नहीं देगी। किसी भी उद्यमी के हॉस्टल को तोड़ने व बेदखल नहीं करने दिया जाएगा। सरकार ने रीको के उच्च अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं कि इस समस्या की गम्भीरता से देखते हुए इसका उचित एवं सरल समाधान निकालें, जिससे कोटा के शैक्षणिक माहौैल को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार रोजगार के साधन करवाती है। रोजगार के साधनों में अवरोध पैदा नहीं करती। समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।