संदेश न्यूज। कोटा.
जेके उद्योग की जमीन पर प्लॉट बेचने की तैयारी में जुटे अराफात गु्रप के इरादों को रीको ने तगड़ा झटका दिया है। राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (रीको) ने एक आदेश जारी कर जेके सिंथेटिक्स लि. की जमीन के लिए अराफात पेट्रो कैमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में जारी भूखंडों के एकीकरण, भू-उपयोग परिवर्तन, सप्लीमेंट्री लीज एग्रीमेंट के निष्पादन एवं पंजीयन संबंधी आदेश को रद्द कर दिया है। रीको ने एक सार्वजनिक सूचना जारी कर कहा है कि जमीन और भूखंडों के बारे में अराफात ग्रुप से कोई सौदा नहीं किया जाए। यदि इस आदेश के बाद भी कोई भूमि और भूखंडों के संबंध में अराफात से संव्यवहार करता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी उसी की होगी।
रीको के सूत्रों के अनुसार जमीन की लीजडीड अब भी अराफात ग्रुप के पास ही है। ऐसे में यह आदेश तब ही पूरा माना जा सकता है, जब सरकार लीज डीड को रद्द करके जमीन को अपने अधिकार में ले लेगी। रीको ने इसके लिए जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। उल्लेखनीय है कि 11 सितंबर को 1997 जेके फैक्ट्री बंद होने के बाद सिंघानिया ग्रुप की अरबों की इस संपत्ति को 69 करोड़ रुपए में अराफात ग्रुप ने खरीद लिया था। कर्मचारियों से समझौता कर अराफात ने वर्ष 2005 में फैक्ट्री कुछ दिन चलाई थी। बाद में इसे भी बंद कर दिया गया। इसके बाद जेके उद्योग को आवंटित कुल 264.31 एकड़ जमीन में 227.5 एकड़ भूमि को कोटा जिला कलेक्टर ने 19 फरवरी 2007 में अराफात ग्रुप को हस्तातंरित कर दिया। 17 मार्च 2007 को लीजडीड बनवाई गई थी। इसके बाद 3 अक्टूबर 2018 और 8 अक्टूबर 2018 को हुई बैठक में रीको ने अराफात ग्रुप को मांग पत्र जारी करके भूखंडों के एकीकरण, भू-उपयोग परिवर्तन, उप विभाजन एवं पूरमपट्टा विलेख के आदेश जारी किए। इसके बाद 5 जुलाई 2019 को प्रथम चरण के उप विभाजन के लिए ले-आउट प्लान स्वीकृत कर दिया गया।
एसीबी के पास पहुंचा मामला
पिछले दिनोें कुछ लोगों ने रीको के इस निर्णय के खिलाफ शिकायत केंद्र सरकार और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से की। शिकायत को सही मानते हुए पिछले महिने एसीबी ने मामला दर्ज कर संबंधित पक्षों के खिलाफ कार्यवाही शुरू की। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के दबाव और एसीबी को मामले में कार्यवाही करते देख रीको ने अपने ही आदेश का रद्द कर दिया।
जेके कर्मचारियों की राशि अब तक बकाया
जानकारों के मुताबिक जेके उद्योग में काम करने वाले कर्मचारियों का अभी तक जेके उद्योग पर करीब 45 करोड़ रुपए बकाया है। फैक्ट्री चलाने का वादा कर अराफात ने 4200 में से 2100 कर्मचारियों को काम देने का वादा किया था। साथ ही बकाया वेतन-भत्ते देने की भी बात हुई थी। लेकिन कर्मचारियों को आज तक भी कुछ नहीं मिला।
हमने रद्द कर दिया भू-उपयोग परिवर्तन का आदेश
हमने भू- उपयोग परिवर्तन के जो आदेश जारी किए थे, वे रद्द कर दिए हैं। लीजडीड कलक्टर ने दी थी। ऐसे में लीज-डीड के बारे में कलक्टर ही कोई निर्णय ले सकते हैं।
एसके गर्ग, वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक, रीको