कोटा। आज गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती है। वे सिखों के पहले गुरु थे। उनका जन्म सन 1469 में कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को हुआ था। गुरु नानक देव जी की वाणी में जीवन को सरलतम और श्रेष्ठतम बनाने के उपाय हैं। उन्होंने हार-जीत, मान-अपमान, इच्छा-लोभ को दुख का कारण बताया है। मोह को घिसकर स्याही बनाओ, बुद्धि को श्रेष्ठ कागज और प्रेम को कलम बनाकर चित्त को लेखक बनाओ। यानी चित्त को पहचानो, वो हमेशा सही को सही और गलत को गलत बताता है। बुद्धि और चित्त दोनों में संतुलन बनाओ, नानक की ऐसी सीखें उनके शब्दों में निहित हैं, जो हरेक के लिए उपयोगी हैं।