नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 राज्यसभा में पेश करेंगे। इससे पहले संसद में भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई। इसमें नागरिकता बिल पर चर्चा हुई। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी बताया कि मोदी ने कहा कि यह बिल धर्म के नाम पर पीड़ित लोगों के लिए स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगा। विपक्षी दल इसके विरोध में पाकिस्तान जैसी भाषा बोल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा है कि वे अपने-अपने संसदीय क्षेत्र के किसानों और कारोबारियों से सुझाव लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को दें। राहुल गांधी ने लिखा,यह बिल सरकार का पूर्वोत्तर के लोगों, उनके जीने के तरीके और भारत के विचार पर आपराधिक हमला है।उधर, राज्यसभा में बिल पर बहस के दौरान विपक्ष की ओर से कांग्रेस के कपिल सिब्बल, तृणमूल के डेरेक ओह्णब्रायन और सपा के रामगोपाल यादव समेत अन्य नेता अपनी बात रखेंगे। कांग्रेस ने नागरिकता बिल पर उग्र प्रदर्शनों को लेकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह रोचक होगा कि जो पार्टियां संघ और भाजपा की विचारधारा के खिलाफ हैं, उनका उच्च सदन में नागरिकता बिल पर वोटिंग में क्या रुख रहता है। चर्चा के दौरान वॉकआउट करना मोदी सरकार को समर्थन देने का सबसे आसान रास्ता है। नीतीशजी और रामविलासजी आप लोहिया के सिद्धांतों को मानते हैं तो थोड़ा सोचिए।