संदेश न्यूज। कोटा.
मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में बाघिन एमटी-2 की मौत बाघ एमटी-1 और बाघिन एमटी-2 के संघर्ष में घायल होने के कारण ही हुई थी। चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन अरिंदम तोमर शुक्रवार को यह दावा किया। तोमर ने बताया कि मेटिंग को लेकर दोनों के बीच संघर्ष हुआ था, जिसके कारण बाघिन के शरीर में गंभीर चोटें आ गई थी।
ये चोटें पोस्टमार्टम के दौरान स्पष्ट रूप से सामने आई। इससे जाहिर है कि बाघिन एमटी-2 की मौत इस संघर्ष के कारण ही हुई है। जब उनसे पूछा गया कि बाघ एमटी-1 के शरीर पर तो कोई चोट नहीं दिख रही, यदि संघर्ष होता तो उसे भी चोट लगती? इस सवाल पर तोमर ने कहा कि हो सकता है कि कोई हल्की चोट आई हो, जो इतने समय के अंतराल में ठीक भी हो गई हो।
यह भी हो सकती है कि चोट लगी ही नहीं हो। इस एनक्लोजर में दोनों के अलावा कोई नहीं था। कोई दूसरा बाघ होता तो हम मानते कि किसी दूसरे से संघर्ष हुआ हो, लेकिन यहां तो ये दोनों ही थे।
कैमरे में कैद हुई बाघिन एमटी-4, शावक साथ नहीं
मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में एनक्लोजर के बाहर घूम रही बाघिन एमटी-4 शुक्रवार को कैमरा ट्रैप की तस्वीरों में नजर आई। वो बिल्कुल स्वस्थ है। लेकिन चिंता की बात ये है कि बाघिन के साथ शावक नजर नहीं आए हैं।
जबकि कुछ दिनों पहले इस बाघिन के मुंह में एक शावक होने का फोटो वायरल हुआ था। वहीं इस बाघिन के तीन शावक होने की अटकलें चल रही थी।
बाघिन के शावक की हालत में सुधार
कोटा चिड़ियाघर में बाघिन एमटी-2 के घायल शावक का इलाज तीन सदस्यीय डॉक्टरों की टीम के द्वारा किया जा रहा है। टीम प्रभारी डॉ. राजीव गर्ग ने बताया कि शावक के स्वास्थ्य में पहले से काफी सुधार है।
हालांकि वो अभी मांस का सेवन बहुत कम कर रहा है। लेकिन दूध नियमित रूप से पी रहा है। जल्द ही इसके स्वास्थ्य में सुधार होने की उम्मीद है।
दूसरा शावक अभी नहीं मिला, अब जिंदा होने के आसार कम
बाघिन एमटी-2 के दो शावकों में से एक लापता शावक शुक्रवार को भी नहीं मिला। वन विभाग की टीमों ने शुक्रवार को भी जंगल के अंदरूनी हिस्से में पैदल ट्रेकिंग कर शावक की तलाश की।
लेकिन कहीं पर उसके पगमार्क या निशान नहीं मिले है। बाघिन एमटी-2 की गत् 31 जुलाई को मौत होने के 48 घंटे के बाद 3 अगस्त को सुबह बाघिन का शव मिला था। ऐसे में शावक को बिना मां के 7 दिन पूरे हो गए है। अब माना जा रहा है कि शावक के जीवित मिलने के आसार बहुत कम है। वन अधिकारी इस बारे में फिलहाल कुछ नहीं कह रहे।