नई दिल्ली.
देश की राजधानी में कोरोना से होने वाली मौत पर काबू पाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। अब दिल्ली के सभी सरकारी सैम्पल कलेक्शन सेंटर पर रैपिड एंटीजन टेस्ट और RT-PCR टेस्ट के लिए सैम्पल देने आए लोगों का ऑक्सिजन सेचुरेशन लेवल चेक करना भी अनिवार्य होगा। इससे संबंधित आदेश दिल्ली सरकार की ओर से जारी कर दिया गया है जो तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
आदेश के मुताबिक दिल्ली सरकार के सभी रैपिड एंटीजन टेस्टिंग सेंटर्स और RT-PCR सैम्पल कलेक्शन सेंटर पर टेस्ट कराने या सैम्पल देने आए सभी लोगों का ऑक्सिजन सेचुरेशन लेवल चेक करना और उसे OPD स्लिप में लिखना अनिवार्य होगा। अगर किसी व्यक्ति का ऑक्सिजन सेचुरेशन लेवल 94% से कम होता है तो उसे अनिवार्य रूप से डॉक्टर से परीक्षण कराने का परामर्श देना होगा।
क्यों लिया ये फैसला?
दिल्ली सरकार का मानना है कि इसके जरिये मॉडरेट रिस्क वाले लोगों को चिन्हित कर सही समय पर उचित ट्रीटमेंट देकर उन्हें गंभीर स्थिति में जाने से रोकने में मदद मिलेगी, साथ ही मौतों को भी कम किया जा सकेगा। बता दें कि बीते कुछ दिनों में दिल्ली में अचानक मौत के मामलों में उछाल देखने मिल रहा है।
दिल्ली में 1 नवंबर से 9 नवंबर तक 581 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है जबकि 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक दिल्ली में कोरोना की वजह से जान गंवाने वालों का आंकड़ा 1124 था। सितंबर के महीने में अक्टूबर के मुकाबले कुछ कम मौतें हुईं थी। 1 सितंबर से 30 सितंबर तक दिल्ली में 917 लोगों ने कोरोना से जान गंवाई थी। सितंबर के मुकाबले अगस्त में कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा भी कम था।
दिल्ली में 1 अगस्त से 31 अगस्त तक कोरोना से 458 मौतें हुईं थीं। आंकड़ों पर नजर डालें तो मौत के मामले जून के महीने में सबसे अधिक दर्ज हुए थे। जून में दिल्ली कोरोना की गम्भीर चपेट में थी, तब एक समय संक्रमण दर 30 फीसदी पर पहुंच गई थी, जबकि मौत की दर 7 फीसदी को पार कर गई थी। कोरोना से पूरी दिल्ली में अब तक 6989 लोगों की मौत हुई है और इसमें से 2247 मौत केवल जून के महीने में हुई थी।