वाशिंगटन.
दुनिया में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। अमेरिका में स्थिति गंभीर बनी हुई है। जनवरी (पहला मामला सामने आने के बाद) के बाद से पहली बार 2 लाख मामले सामने आए हैं। वहीं, देश के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिसीज के डायरेक्टर डॉ. एंथनी फॉसी ने एक के बाद लगातार दूसरी लहर आने की चेतावनी दी है।
NBC न्यूज चैनल के एक प्रोग्राम में फॉसी ने कहा कि अचानक से कुछ बदलने नहीं जा रहा। हालांकि अभी भी देर नहीं हुई है। लोग थैंक्सगिविंग की छुट्टियां मनाकर घर लौट रहे हैं। सभी मास्क पहने, बड़े ग्रुप न बनाएं और सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखें। दुनिया में अब तक कोरोना के 6 करोड़ 30 लाख 64 हजार 883 मामले सामने आ चुके हैं। 14 लाख 65 हजार 27 लोगों की मौत हो चुकी है। अच्छी बात ये कि अब तक 4 करोड़ 35 लाख 41 हजार 631 लोग ठीक हो चुके हैं।
पूरी दुनिया में कोरोनावायरस चीन के वुहान से ही फैला। अब चीन नया प्रोपेगैंडा फैला रहा है। चीनी मीडिया इस बात को बढ़-चढ़कर बता रहा है कि वायरस चीन से नहीं फैला। उनके देश में यह वायरस फ्रोजन फूड्स के जरिए किसी बाहर के देश से आया। ‘पीपुल्स डेली’ समेत कई चीनी अखबारों के मुताबिक- सभी सबूत इस बात की ओर इशारा करते हैं कि कोरोनावायरस आउटब्रेक वुहान में नहीं हुआ। चीन के पूर्व चीफ एपिडेमियोलॉजिस्ट झेंग गुआंग का कहना है कि वुहान में वायरस का पता चला, लेकिन वहां पैदा नहीं हुआ।
इस बीच, ब्रिटेन में महीनेभर के लॉकडाउन से नए मामलों में 30% की कमी देखी गई है। करीब एक लाख वॉलंटियर्स पर की गई स्टडी के ये नतीजे सोमवार को सामने आए। केस बढ़ने पर ब्रिटेन में 5 नवंबर को दूसरा लॉकडाउन लगाया गया था। इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन की स्टडी में बताया गया कि 16 अक्टूबर से 2 नवंबर के बीच 10 हजार लोगों पर 130 केस सामने आ रहे थे। वहीं, लॉकडाउन के बाद 13 से 24 नवंबर के बीच केस घटकर 10 हजार लोगों पर 96 रह गए।