इमरान हुसैन- संदेश न्यूज। कोटा. शहर में इन दिनों विकास कार्यों की भरमार चल रही है। नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल शहर के यातायात को सुगम बनाना चाहते हैं। इस विजन के तहत ही कई जगह मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जा रही है। राज्य सरकार की चिंता साफ जाहिर है लेकिन शहरवासी और स्थानीय निकाय तथा प्रशासन का इसमें सहयोग बिल्कुल नजर नहीं आ रहा है। हाल यह है कि शहर में घोषित पार्किंग स्थलों पर भी अतिक्रमण है और वाहन चालक परेशान हैं। शहर के हर बाजार, हर सड़क पर अतिक्रमणों की भरमार है। बाजार में खरीदारी करने के लिए आने वाले लोग परेशान है, आखिर कहां खड़े करें वाहन।
कोटा शहर की ट्रैफिक पुलिस के जवान सड़क पर कोई भी स्कूटर और वाहन खड़ा करने पर तत्काल चालान बनाते हैं या फिर वाहन को जब्त कर दशहरा मैदान कंट्रोल रूम पर ले जाते हैं। लेकिन जहां पर स्कूटर या वाहन खड़ा करने के लिए सड़क किनारे स्थान होता है, वहां पर अवैध रूप से दुकानदारों और ठेले वालों ने अतिक्रमण कर रखे हैं। इनके चालान ना तो नगर निगम बनाता है और ना ही ट्रेफिक पुलिस के जवान बनाते हैं। ठेले संचालकों ने तो कई सड़कों पर कब्जा कर उनको ही जाम कर दिया, वहीं पर पुलिस वाले घूमते रहते हैं, लेकिन उनको चालान बनाने के लिए सिर्फ वाहन चालक ही नजर आते हैं। ऐसे ही कुछ दृश्य चम्बल संदेश टीम ने देखे है, जिनका आंखों देखा हाल प्रस्तुत है….
1 किशोर सागर की पाल पर गीता भवन के सामने से किशोर सागर की पाल के पास सड़क किनारे ही गाड़ियां बड़ी संख्या में खड़ी रहती हैं। एक वाहन यहां ऐसा भी खड़ा रहता है जिसमें दुकान चलती है। रोड के दूसरी ओर हजीरा वाले बाबा की दरगाह के प्रवेश द्वार एक ऑटो ठीक करने वाले की दुकान है, उसने रोड तक तीन पहिए ऑटो रिपेयर के लिए खोल रखे थे, जो आधे से ज्यादा रोड पर आ रहे थे।
2 सब्जीमंडी गोल चौराहे पर चारों ओर ठेले वालों ने ठेले लगाकर गोल चौराहा सा बना दिया है, ठेले इस तरह से लगे हुए हैं कि सर्किल पर आने-जाने वाले सड़कों को भी जाम कर रखा था। वाहनों को निकलने के लिए थोड़ी सी जगह छोड़ रखी है, जिसके कारण वाहनों को निकलने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, कई बार जाम के हालात पैदा होते है। इसी चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस के जवान व्यवस्थाएं बनाए रखने के लिए तैनात कर रखे है।
3 गुमानपुरा मुख्य सड़क पर दुकानदारों के द्वारा ही सड़क व फुटपाथ पर या तो अतिक्रमण कर सामान फैला रखे है या फिर किराये से ठेले लगवा रखे है। मल्टीपरपज स्कूल के निकट फुटपाथ व उसके पास सड़क किनारे पर अतिक्रमण कर रजाई-गद्दों की दुकानें लगी हुई हैं। जिसके चलते गुमानपुरा बाजार में खरीददारी करने के लिए आने ग्राहकों को मजबूरी में सड़क पर वाहन खड़े करने पड़ते हैं।
4 सब्जीमंडी से इन्द्रा मार्केट की तरफ सड़क पर रामपुरा कोतवाली की पुलिस गाड़ी खड़ी होकर बाजार में बिना हेलमेट व बिना मास्क आने वाले लोगों को पकड़ने के लिए करीब 7-8 पुलिसकर्मी खड़े रहते हैं। यहां पर सड़क पर खड़े ठेले वालों को हटवाने, सड़क का यातायात सुगम कराने में कोई ध्यान नहीं था, बार-बार जाम के हालात पैदा हो रहे थे, लेकिन दुकानों के बाहर का अतिक्रमण किसी के द्वारा नहीं हटाया गया।
5 शोपिंग सेंटर मुख्य सड़क पर लाला लाजपतराय भवन के निकट एक ज्वैलर द्वारा जनरेटर सड़क पर ही लगाया हुआ है। आसपास के दुकानदारों ने भी जनरेटर तक लंबाई तक सड़क पर सामान फैला रखे है। कई दुकानदार सड़क पर सामाना फैलाकर रखते हैं, जिसके कारण आने-जाने वाहन चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कोई गलती से भी सड़क पर वाहन खड़ा कर चल गया तो पीछे से ट्रेफिक पुलिस की गाड़ी वाहन को जब्त कर रवाना हो जाती है।
6 शॉपिंग सेंटर में भी यही हाल है, यहां पर व्यापारियों के द्वारा ही सड़क तक सामान फैलाकर रखे जाते हैं, फर्नीचर व्यापारी ही सड़क पर टेबल, कुर्सी, बेड, अलमारी सहित अन्य सामान फैलाकर रखते हैं। जब यहां खरीदारी करने के लिए ग्राहक आते हैं तो फिर उनको सड़क पर ही गाड़ी पार्किंग करनी पड़ती है। जिसके कारण आवागमन में आम लोगों को जाम की भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
7 दादाबाड़ी घोड़ा वाला राजकीय स्कूल के निकट सड़क किनारे स्थित खाली स्थान पर भी आरपार अवैध रूप से ठेले वाले बैठे रहते हैं, इस सड़क पर दोनों ओर कई दुकानदार भी सड़क पर सामान फैलाकर रखते है, जिसके चलते मजबूरन आम लोगों को सड़क पर वाहन खड़ा कर खरीदारी करनी पड़ती है। जिसके कारण कई बार दुर्घटनाए भी हो जाती है।
न निगम को सुध और न यूआईटी को चिंता
कोटा शहर में नगर निगम और नगर विकास न्यास जैसी दो मजबूत सरकारी संस्थाएं कार्य करती है। जिनके यहां राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, अभियंता और सैकड़ों कर्मचारी हैं। शहर में अतिक्रमण हटाने के लिए दोनों संस्थाएं कार्य करती है। लेकिन वर्तमान हालात ऐसे बने हुए है कि नगर निगम कोटा उत्तर और कोटा दक्षिण के पास अतिक्रमण हटाने के लिए नो तो संसाधन है ओर ना ही जाब्ता है। वहीं नगर विकास न्यास के पास अतिक्रमण हटाने के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन और पुलिस जाब्ता है। लेकिन न्यास सिर्फ अपनी आय को बढ़ाने के लिए जमीनों पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने में व्यस्त रहता है। उसके पास सामान्य अतिक्रमण हटाने के लिए समय ही नहीं है। ऐसे में शहर में अतिक्रमणों की भरमार है।
- अतिक्रमण हटाएंगे, संसाधन दिलवाएंगे
शहर में यह समस्या है, इस पर विचार किया जा रहा है। अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस का सहयोग लेंगे, निगम को संसाधन भी उपलब्ध करवाएंगे। कोविड के चलते अभी व्यापारी परेशान हैं, ऐसे में समझाइश करेंगे, उनके सहयोग से ही अतिक्रमण हटाने की कोशिश करेंगे। – शांति धारीवाल, नगरीय विकास मंत्री, राजस्थान - पुलिस को साथ लेकर हटवाएंगे नगर निगम में हाल ही नए संसाधन आए हैं। उनकी मदद लेकर पुलिस जाब्ते को साथ लेते हुए कोटा दक्षिण के क्षेत्र में जिन सड़कों पर अतिक्रमण हे रहे हैं, उनको चिन्हित कर नगर निगम के दस्ते से हटवाए जाएंगे, व्यापारियों से भी समझाइश की जाएगी। – राजीव अग्रवाल, महापौर, नगर निगम कोटा दक्षिण
- पुलिस चालान ही बना सकती है
सड़क पर सामान फैलाने वाले व्यापारियों पर कार्रवाई के लिए स्थानीय थाना पुलिस धारा 60 पुलिस एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए अधिकृत है, साथ ही नगर निगम नगर पालिका एक्ट के तहत चालान और सामान जब्ती की कार्रवाई कर करने के लिए अधिकृत है। ट्रैफिक पुलिस सिर्फ वाहनों के ही चालान बना सकती है। – नारायण लाल, ट्रेफिक पुलिस उपाधीक्षक, कोटा - अतिक्रमण चिह्नित कर हटवाएंगे
जहां पर मुख्य सड़कों पर अतिक्रमण हो रहे हैं, उनको चिन्हित कर नगर निगम के सहयोग से न्यास के संसाधनों से अतिक्रमण को हटवाया जाएगा, जो व्यापारी नहीं मानेंगे, उनके सामानों को ध्वस्त व जब्त करेंगे। जो सड़कें आमजन की सुविधा के लिए बनवाई गई है। उन पर अतिक्रमण अभियान चलाकर हटाया जाएगा। – राजेश जोशी, सचिव यूआईटी, कोटा