संदेश न्यूज। कोटा.
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा देशभर में केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों के विरुद्ध किए जा रहे आंदोलन के तहत गुरुवार को हाड़ौती के किसान भी सड़कों पर आ गए। देशव्यापी दिल्ली चलो किसान आंदोलन के समर्थन में इस किसान आक्रोश रैली गुरुवार शहीद पार्क से कलक्ट्रेट चौराहे तक निकाली गई। रैली में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में किसान कोटा पहुंचे।
अलग-अलग क्षेत्रों से जब किसान कोटा में दाखिल हुए तो जगह-जगह जाम की स्थिति हो गई। ट्रैक्टर, कारें, टेम्पो व दुपहिया वाहनों से किसान कोटा पहुंचे। हाथों में तख्तियां लेकर, जोर-शोर से नारे लगाते हुए किसानों की मांग थी कि किसान-विरोधी काले कानूनों को रद्द करो। न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारन्टी का कानून बनाओ। बासमती धान का समर्थन मूल्य 5500 घोषित कर तुरन्त खरीद चालू करो। निजीकरण पर रोक लआगो।
सभी बेरोजगारों को रोजगार दो। बिजली बिल-2020 वापस लो। राशन-व्यवस्था चालू करो।
विभिन्न किसान संगठनों कोटा में दाखिल होने के बाद अंटाघर पहुंचे। शहीद स्मारक से कलक्ट्रेट तक जंगी रैली निकाली। रैली शहीद स्मारक से स्टेडियम, उम्मेद क्लब, अग्रसेन सर्किल होते हुए कलेक्ट्रेट सर्किल पहुंची। लंबी रैली में ट्रैक्टर, जीप, लग्जरी गाड़ियां शामिल रही, जिसमें सैंकडों की संख्या में किसान शामिल हुए। किसानों का प्रदर्शन करीब 3 घंटे चला। प्रदर्शन में युवा, बुजुर्ग महिलाएं शामिल हुई। किसान संगठन ने कलक्टर को राष्ट्रपति के नाम 7 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। प्रदर्शनकारी किसानों ने हाथ उठाकर दिल्ली पहुंचने और देशव्यापी किसान आन्दोलन में शामिल होने का संकल्प व्यक्त किया।
इन्होंने की अगुवाई
रैली का नेतृत्व समन्वय समिति के संयोजक फतह चंद बागला, अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष दुलीचंद बोरदा, किसान फेडरेशन के अब्दुल गफूर, किसान सर्वोदय मंडल के हमीद गौड़, किसान मोर्चा (आप) के लालचंद्र सुमन, किसान पंचायत के जितेंद्र सिंग, किसान संघर्ष मोर्चा के बलविंदर सिंह बल्लु, शरणजीत, कलविंदर सिंह कर रहे थे। सभा में बड़ी में महिलाएं भी शामिल हुई। नगर के प्रमुख ट्रेड यूनियन संगठनों के अलावा जनवादी महिला समिति, एसएफआई, नौजवान सभा, विकल्प जनसंस्कृतिक मंच एवं अनेक जनप्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में शामिल होकर किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया।
आम आदमी पार्टी के नवीन पालीवाल, साहित्यकार महेंद्र, नेह, हंसराज चौधरी, नागेंद्र कुमावत, वरिष्ठ किसान नेता के एल जैन, बहादुर अली, बदरी सेन, छात्र नेता प्रेमशंकर, जितेंद्र सिंह, हेमलता, मजदूर नेता रविंद्र सिंह, महिला नेता पुष्पा खींची, नंदु सुमन, कमलेश बाई गौड़ आदि हैं।
इन्होंने किया संबोधित: सभा को संभाग के प्रमुख किसान नेताओं फौजी बलदेव सिंह, नंदलाल धाकड़, नंदकिशोर शर्मा, चतुर्भुज पहाड़िया, आदित्य देव, दीनबंधु धाकड़, लक्ष्मीनारायण मीना, कमल बागड़ी, राजेंद्र मीना, बाबूलाल बैरवा, हरीश मीना, धर्मेंद्र शर्मा आदि ने संबोधित किया।
धरने पर बैठे
रैली के बाद प्रदर्शनकारी धरने पर बैठ गए। वे कलक्टर को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़ गए। किसानों की मांग पर एसडीएम ज्ञापन लेने पहुंचे। लेकिन, प्रदर्शनकारी नहीं माने। बाद में किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल कलक्टर को ज्ञापन देने पहुंचा। इसी बात से अन्य प्रदर्शनकारी नाराज हो गए और वे कलेक्ट्री गेट पर फिर से धरने पर बैठ गए। जब प्रतिनिधिमंडल ज्ञापन देकर पहुंचा तो दोनों धड़े आपस में उलझ पड़े।
प्रतिबंध के बाद भी हुआ प्रदर्शन
प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन के दौरान कलक्ट्रेट के बाहर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला फूंका। इस अवसर पर सैंकड़ों किसान वहां जमे रहे। रैली के दौरान कोरोना गाइड लाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। जहां सोशल डिस्टेंसिंग देखने को नहीं मिली, वहीं मास्क भी किसानों द्वारा नहीं पहने गए। प्रतिबंध के बाद भी सैकड़ों किसान सड़कों पर दिखाई दिए। शहीद स्मारक से कलक्ट्रेट तक के प्रदर्शन में कई बार जाम के हालात भी बने और पुलिस को ट्रैफिक डायवर्ट करना पड़ा।