नई दिल्ली.
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की की लास्ट डेट 31 दिसंबर में अब कुछ ही दिन बाकी है। बहुत से लोगों ने काफी पहले आयकर रिटर्न दाखिल कर दिया है। कई लोगों की शिकायत है कि उन्हें इस बार उन्हें रिफंड मिलने में देरी हो रही है। आइए जानते हैं कि इस बार देरी क्यों हुई और अपने आयकर रिफंड का स्टेटस आप कैसे चेक कर सकते हैं?
इनकम टैक्स विभाग ने अप्रैल में यह बयान दिया था कि इस बार 5 लाख रुपए तक के इनकम टैक्स रिफंड को प्रोसेस होने के बाद तत्काल दे दिया जाएगा और इससे 14 लाख टैक्सपेयर्स लाभान्वित होंगे। लेकिन हाल यह है कि इस साल रिफंड मिलने में दिनों नहीं कई महीनों की देरी हुई है। खुद आयकर विभाग के ट्विटर हैंडल पर कई टैक्सपेयर इसकी लगातार शिकायत कर रहे हैं। हालांकि इनकम टैक्स फाइलिंग में लगे कई फर्म का कहना है कि अब रिफंड समय से आने लगा है।
क्या होता है रिफंड
असल में आयकर दाता का इनकम टैक्स किसी वित्त वर्ष में उसके अनुमानित निवेश दस्तावेज के आधार पर एडवांस काट लिया जाता है। लेकिन जब वित्त वर्ष के अंत तक वह फाइनल कागजात जमा करता है, तब अगर हिसाब करने पर उसे यह मिलता है कि उसका टैक्स ज्यादा कट गया है और उसे आयकर विभाग से पैसे वापस लेने हैं, तो वह इसके लिए आईटीआर दाखिल कर रिफंड के लिए अप्लाई करता है।
आईटीआर वेरिफिकेशन के बाद आयकर अधिनियम 1961 के तहत आयकर विभाग टैक्स की प्रोसेसिंग करता है और फिर प्रोसेसिंग पूरी होने पर उसका नोटिफिकेशन भेजता है। ये नोटिफिकेशन मोबाइल पर और ई-मेल आईडी पर भेजा जाता है। सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर यानी सीपीसी के जरिए हर आईटीआर को प्रोसेस किया जाता है, जिसमें करदाता की तरफ से दिए आंकड़ों की सीपीसी के पास पहले से मौजूद आंकड़ों से तुलना की जाती है। इस पूरी प्रक्रिया में विभाग को 45 दिन का समय दिया जाता है। लेकिन अब चीजें काफी इलेक्ट्रॉनिक और फास्ट हो गई हैं, इसकी वजह से रिफंड काफी जल्दी मिल जाता है।
क्या है देरी की वजह
असल में आयकर विभाग ने इस साल आईटीआर सिस्टम में एक टेक्निकल अपग्रेड करने का ऐलान किया है। आयकर रिफंड में देरी इसी वजह से हो सकती है। यह अपग्रेड इसलिए किया जा रहा है ताकि आगे इनकम टैक्स रिटर्न की प्रोसेसिंग और तेजी से हो सके। आयकर विभाग ने एक टैक्सपेयर के सवाल के जवाब में 30 नवंबर को ट्वीट कर बताया था, ‘टैक्सपेयर्स को सेवाओं में सुधार की अपनी प्रतिबद्धता के तहत ही हम एक नया कदम उठा रहे हैं। हम एक नए टेक्नोलॉजी अपग्रेड प्लेटफॉर्म (CPC 2.0) अपनाने जा रहे हैं ताकि आईटीआर की तेज प्रोसेसिंग हो सके। आकलन वर्ष 2020-21 की आईटीआर को CPC 2.0 पर ही प्रोसेस किया जाएगा।’

आयकर विभाग ने यह नहीं बताया है कि यह अपडेशन कब तक पूरा होगा। हालांकि टैक्स मामलों के कई जानकार नाम न जाहिर करने की शर्त पर यह सवाल उठा रहे हैं कि शायद कोरोना की वजह से जो नकदी संकट आया है उसकी वजह से आयकर विभाग रिफंड में देरी कर रहा हो। गौरतलब है कि कोरोना संकट के दौरान टैक्स कलेक्शन में भी गिरावट आई है।
अब समय से आने लगा रिफंड!
इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग से जुड़े कई फर्म का कहना है कि अब चीजें दुरुस्त हो गई हैं और रिफंड समय से आने लगा है। दिल्ली की एक फर्म गिरी ऐंड कंपनी के प्रोपराइटर अमर नाथ गिरी ने बताया, ‘पहले कुछ देरी जरूर हुई थी, लेकिन अब रिफंड समय से आने लगा है। हमारे कुछ कस्टर्मस के रिफंड एक महीने के भीतर आ गए।’
कैसे चेक करें अपने रिफंड की स्टेटस
अपने रिफंड के स्टेटस के लिए आप एनएसडीएल या आयकर विभाग की ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर चेक कर सकते हैं। ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग-इन करें और अपना यूजर नाम, पासवर्ड, डेट ऑफ बर्थ आदि इनपुट डालें। इसके बाद ‘माय एकाउंट’ टैब पर क्लिक कर ‘रिफंड/डिमांड स्टेटस’ विकल्प पर जाएं। यहां क्लिक करने आपके रिफंड की स्टेटस पता चल जाएगी।
47,608 करोड़ का रिफंड मिला
आयकर विभाग ने बुधवार को एक ट्वीट में बताया है कि आकलन वर्ष 2020-21 के लिए यानी इस साल में 22 दिसंबर तक 3.82 करोड़ से ज्यादा इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 1 अप्रैल से 20 दिसंबर 2020 के बीच 1.18 करोड़ टैक्सपेयर्स को 47,608 करोड़ रुपए का इनकम टैक्स रिफंड दे दिया है।
More than 3.82 crore Income Tax Returns for AY 2020-21 have already been filed till 22nd December, 2020.
Hope that you have also filed yours by now.
If not, please File TODAY!
Visit https://t.co/EGL31K6szN for details.#ITR#AajHiFileKaro pic.twitter.com/iGWZbUgJzz— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) December 23, 2020
कहां करें शिकायत: अगर आपको कई महीने से इनकम टैक्स रिफंड नहीं मिला है तो ‘आयकर संपर्क केंद्र’ पर उनके टॉल फ्री नंबर 1800-180-1961 या ई-मेल [email protected] के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं।