नई दिल्ली.
सरकार ने दिवाली से पहले कर्जधारकों को बड़ी राहत दी है। लोन मोरेटोरियम अवधि के दौरान छह महीनों के लिए ब्याज पर लगे ब्याज को सरकार ने वापस करने का ऐलान किया है और इसके लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। यह समझना थोड़ा जटिल जरूर है कि किस व्यक्ति को कितना कैशबैक मिलेगा, लेकिन आइए आपके लिए हम इसे थोड़ा आसान कर देते हैं…
भारतीय रिजर्व बैंक ने पहले तीन महीने और फिर तीन महीने और यानी मार्च से अगस्त तक के कुल छह महीनों के लिए लोन के मोरेटोरियम यानी किस्त का भुगतान टालने की सुविधा दी थी। लेकिन यह कहा गया कि इस बकाये पर बैंक ब्याज ले सकते हैं। इसका विरोध इस आधार पर हुआ कि लोन की किस्त में बड़ा हिस्सा तो वैसे ही ब्याज का होता है, फिर इस पर भी ब्याज यानी ब्याज पर ब्याज लेने की छूट बैंकों को क्यों दी जा रही है, जबकि कोरोना संकट में लोग इतने परेशान हैं।
यह मामला सुप्रीम कोर्ट में अभी चल ही रहा है और इस पर दो नवंबर को अगली सुनवाई है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा कि वह 2 करोड़ रुपए तक के लोन पर ब्याज पर ब्याज खुद वापस करेगी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इसे जल्द से जल्द करना चाहिए। इसलिए सरकार ने इसे दिवाली से पहले लागू कर एक तरह से त्योहारी तोहफा दिया है।
चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज का अंतर
सरकार ने कहा है कि वह छह महीने के मोरेटोरियम पीरियड के दौरान का लगाए गए चक्रवृ़द्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच के अंतर की जो राशि होगी उसे लोगों के लोन एकाउंट में वापस करेगी।
कब मिलेगा
वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने कहा है कि 5 नवंबर को या उससे पहले यह कवायद पूरी हो जाएगी। यानी अगले हफ्ते गुरुवार तक कर्जधारकों के एकाउंट में पैसा आ जाएगा।
कौन से लोन पर मिलेगा
यह वापसी कुल आठ श्रेणियों के 2 करोड़ रुपए के लोन तक होगी। इनमें एमएसएमई, एजुकेशन, क्रेडिट कार्ड बकाया, हाउसिंग लोन, आॅटो लोन, प्रोफेशनल्स द्वारा लिए गए पर्सनल लोन, कंज्यूमर ड्यूरेबल और कंजम्पशन लोन शामिल हैं। ध्यान रहे कि इसमें सिर्फ प्रोफेशनल्स के पर्सनल लोन शामिल हैं और किसी के इन सभी श्रेणियों में मिलाकर अगर लोन 2 करोड़ रुपए से ज्यादा है तो उसे इसका लाभ नहीं मिलेगा।
कुछ और शर्तें इस प्रकार हैं- यह लोन 29 फरवरी तक गैर निष्पादित परिसंपत्ति यानी एनपीए नहीं होना चाहिए। यह वापसी 29 फरवरी तक की ब्याज दर पर होगी। इसके तहत बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी, हाउसिंग कंपनी, सभी के लोन को स्वीकार किया जाएगा। सरकार इस पर करीब 6500 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
मोरेटोरियम नहीं लिया तो भी
यह वापसी सभी के लिए होगी, चाहे किसी ने लोन मोरेटोरियम की सुविधा ली हो या न ली हो, या आंशिक रूप से ही ली हो। अब इसमें कई लोगों को भ्रम हो रहा है कि अगर किसी ने मोरेटोरियम सुविधा का लाभ नहीं लिया और समय से किस्तें चुकाईं यानी उसने ब्याज पर ब्याज नहीं दिया तो उसे क्यों और क्या वापस मिलेगा ?
असल में सरकार यह नहीं चाहती कि जिन लोगों ने समय से किस्त चुकाई उनको हतोत्साहित किया जाए या उनको कोई नुकसान हो। इसलिए उन्हें भी प्रोत्साहन के रूप में राशि दी जाएगी। इसका आकलन इस आधार पर किया जाएगा कि अगर उन्होंने मोरेटोरियम की सुविधा ली होती तो उन्हें ब्याज पर ब्याज कितना दिया जाता।
कैसे करें गणना
असल में हर महीने का जो ब्याज बकाया है वह अगले महीनों में लोन राशि में जुड़ता गया और यह प्रिंसिपल एमाउंट बनता गया और इस तरह आपको सितंबर से ज्यादा राशि पर ईएमआई बनी। आप अपने लोन एकाउंट का विवरण देखकर आसानी से इसका पता लगा सकते हैं। आपके लोन अकाउंट में इस बात का पूरा विवरण होगा कि मार्च से अगस्त तक के लिए बैंक ने कुल कितना ब्याज जोड़ा है।
सितंबर में आपका कुल लोन बकाया कितना हो गया। मार्च में कुल जो लोन बकाया था और सितंबर में जो बकाया है, उसका अंतर ही बैंकों द्वारा लगाई गई चक्रवृद्धि ब्याज है। तो आप इस ब्याज को नोट कर लीजिए। इसके बाद आपकी मार्च तक जो बकाया राशि थी उस पर अगस्त तक ब्याज दर के हिसाब से साधारण ब्याज कितना लगता, इसका आकलन कर लीजिए।
बैंक द्वारा लगाए गए ब्याज और साधारण ब्याज की जो गणना आपने की उसके अंतर को ही आपको मिलने वाली राशि मानी जाएगी जो कैशबैक के रूप में आपके खाते में आएगी। मान लीजिए किसी की लोन बकाया राशि मार्च तक 30 लाख रुपए थी और ब्याज दर 7.5 फीसदी है।
इस पर चक्रवृद्धि ब्याज छह महीने के लिए हुआ 114,272 रुपए। अब इस पर इसी रेट से साधारण ब्याज हुआ 112,500 रुपए यानी इस व्यक्ति के खाते में करीब 1772 रुपए (चक्रवृद्धि ब्याज-साधारण ब्याज) वापस आएंगे।