नई दिल्ली.
एअर इंडिया की खरीद के लिए अभिरुचि पत्र (EoI) जमा करने की अंतिम तिथि आज यानी 14 दिसंबर को है। इस बीच खबर है टाटा समूह ने इसके लिए ईओआई जमा कर दी है। अगर टाटा को सफलता मिली तो 67 साल बाद फिर से एअर इंडिया इस ग्रुप के पास जा सकती है।
टाटा ने ही की थी शुरुआत
गौरतलब है कि भारत में एयरलाइंस की शुरुआत टाटा समूह के मुखिया जेआरडी टाटा ने 1932 में टाटा एअरलाइंस के रूप में की थी। बाद में इसका नाम एअर इंडिया कर दिया गया गया और आजादी के बाद इसका सरकारीकरण हो गया। 1953 से यह पूरी तरह से भारत सरकार के नियंत्रण में है। टाटा समूह ने एअर एशिया इंडिया के द्वारा यह ईओआई दाखिल किया है। एयर एशिया में टाटा समूह की बहुल हिस्सेदारी है।
एअर इंडिया के कर्मचारी भी खरीद की दौड़ में
एअर इंडिया के 200 कर्मचारियों के एक ग्रुप ने भी कंपनी को खरीदने के लिए बोली लगाने की इच्छा जताई है। आज ये कर्मचारी आधिकारिक रूप से अभिरुचि पत्र दायर कर सकते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक इन कर्मचारियों के समूह का दावा है कि उनके साथ एक फाइनेंसर भी हैं।
गौरतलब है कि इसके पहले साल 2018 में सरकार द्वारा एअर इंडिया में 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का प्रयास विफल हो चुका है। पिछले साल नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि अगर एअर इंडिया का निजीकरण नहीं हो पाता है तो इसे बंद करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचेगा।