संदेश न्यूज। कोटा. टोल प्लाजा पर फास्टैग के अनिवार्य होने के 4 दिन बाद ही इसके जरिए धोखाधड़ी जैसी गड़बड़ी होने का मामला सामने आ गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि कोटा में एक कार खड़ी है, जिसके मालिक ने फास्टैग इश्यू तो कराया है, लेकिन उसे गाड़ी पर चिपकाया नहीं, इसके बावजूद उनके ई-वॉलेट से अंबाला-चंडीगढ़ में टोल टैक्स कट गया। इस गड़बड़ी के बारे में बताने पर आईटी एक्सपर्ट के साथ एनएचएआई के अधिकारी भी हैरान हैं कि आखिर ऐसा कैसे हो गया? कोटा शहर के स्टेशन क्षेत्र निवासी सरवंश भाटिया ने अपनी कार आरजे 20 सीजी 0005 के लिए फास्टैग आॅनलाइन मंगवाया था। यह फास्टैग उन्होंने अभी अपनी कार पर लगाया नहीं है। यह कार कई दिन से घर पर कोटा में ही है, लेकिन वह गुरुवार को उस वक्त अचंभित रह गए, जब फास्टैग से जुड़े उनके ई-वॉलेट पर टोल टैक्स कटने का मैसेज दो बार आया। शुक्रवार को सुबह फिर उनके वॉलेट से टोल टैक्स कट गया। वो समझ ही नहीं पाए कि ऐसा क्यों रहा है। मैसेज के साथ ही उनके ई-वॉलेट से राशि भी कम हो गई। इस संदर्भ में जब एनएचएआई के कोटा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वीरेन्द्र सिंह से बात की तो उन्होंने कहा, यदि हमारे क्षेत्राधिकार का मामला होगा तो दिखवाएंगे, लेकिन उन्हें भी इस तरह की समस्या की जानकारी नहीं थी।
ऐसे कटी राशि
सरवंश भाटिया के मोबाइल पर 19 दिसंबर को सुबह 10.55 बजे मिले मैसेज के अनुसार अंबाला-चंडीगढ़ टोल प्लाजा पर 40 रुपए फास्टैग के जरिए कटे। इसके बाद इसी दिन रात 8.55 बजे 20 रुपए इसी टोल प्लाजा पर फास्टैग से कटे। 20 दिसम्बर को फिर 10.54 मिनट पर इसी टोल प्लाजा पर 40 रुपए फास्टैग से भुगतान होने का मैसेज मिला। इसमें भाटिया की कार का नंबर आरजे 20 सीजी 0005 ही लिखा हुआ आया। इससे जाहिर हो रहा है कि जिस भी शख्स ने फास्टैग से गड़बड़ी की है, वह इस टोल प्लाजा से 19 दिसंबर को सुबह गया और रात को वापस आया और फिर 20 दिसंबर को फिर सुबह वहां से गुजरा।
रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैक्नोलॉजी भी फेल
फास्टैग में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी (आरएफआईडी) है। इस मामले में ये टेक्नोलॉजी फेल हो गई। वास्तविक गाड़ी टोल से गुजरी ही नहीं और न ही गाड़ी पर फास्टैग लगाया, फिर भी राशि कट गई। जबकि फास्टैग में गाड़ी नम्बर, नाम, गाड़ी का प्रकार, मालिक का नाम सहित कई तरह की सुरक्षित व्यवस्था होने का दावा किया गया था।