नई दिल्ली.
ब्रिटेन में फाइजर की कोरोना वायरस वैक्सीन लगने से दो लोगों की तबीयत खराब हो गई है। ब्रिटिश नियामक अब इस मामले को काफी गंभीरता से देख रही है। इस बीच नियामक ने लोगों से अपील की है कि वैसे लोग जिन्हें गंभीर एलर्जी की परेशानी है वो फिलहाल वैक्सीनेशन से बचें। ब्रिटिश स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि ऐसे लोग जिन्हें किसी दवा, खाना या वैक्सीन से एलर्जी है वह फाइजर की कोरोना वैक्सीन का टीका न लगवाएं।
मंगलवार से ब्रिटेन में बड़े स्तर पर कोविड वैक्सीन दी जा रही है, लेकिन अबतक दो ही लोगों को एलर्जी की दिक्कत सामने आई है। ब्रिटिश हेल्थ डिपार्टमेंट ने कहा है कि वैक्सीन को हर पैमाने पर परखने के बाद ही मंजूरी दी गई है, ऐसे में सिर्फ दो लोगों के अलावा किसी और को ऐसी दिक्कत नहीं आई है।
Pfizer-BioNTech की ओर से जानकारी दी गई कि वैक्सीन के ट्रायल के दौरान किसी ऐसे व्यक्ति को शामिल नहीं किया गया था, जिसे दवाइयों से एलर्जी होती हो। इसके तहत ब्रिटिश सरकार से मंजूरी भी ली गई थी। हालांकि, एक्सपर्ट का कहना है कि वैक्सीन से हर किसी को एलर्जी होगी, ये सच नहीं है। ब्रिटेन में Pfizer-BioNTech की वैक्सीन दी जा रही है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले समय में टीके लगाने के बाद और भी एलर्जिक रिएक्शन के मामले सामने आ सकते हैं। इसे अप्रत्याशित नहीं माना जाए।
क्यों हो रहे हैं इस तरह के रिएक्शन
साइंटिस्ट्स का कहना है कि लोग गेलाटिन या एग प्रोटीन या इस वैक्सीन को लेकर संवेदनशील हो सकते हैं। वैसे लोग जिन्हें अंडे से एलर्जी है उन्हें कभी-कभी यह सलाह दी गई है कि वे इस वैक्सीन का इस्तेमाल ना करें। क्योंकि इस वैक्सीन को बनाने में मुर्गी के अंडे का भी इस्तेमाल किया गया है। इस वैक्सीन को लेने के बाद एलर्जिक रिएक्शन के सामान्य लक्षण हैं शरीर पर रैशेज का दिखना, स्किन में जलन होना, खांसी या सांस लेने में दिक्कत आना।
इस वैक्सीनेशन के बाद विशिष्ट दुष्प्रभाव के तौर पर बांह में दर्द होना (जहां सुई लगाई गई हो), बुखार या मांसपेशी में दर्द के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। फाइजर की स्टडी में पाया गया है कि वैसे लोग जिनपर इस वैक्सीन का ट्रायल किया गया था उन्हें थकान, सिर में दर्द या ठंड लगने जैसी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा था। हालांकि इस वैक्सीनेशन के बाद एलर्जिक रिएक्शन के मामले बेहद कम और अल्पकालीन हैं। यानी कि बेहद कम समय के लिए हैं।
अन्य गंभीर लक्षण क्या हो सकते हैं? इसको लेकर विनियामक आगे की जांच कर रही है। लेकिन इसकी पहचान निर्धारित करने में लंबा समय लग सकता है। गौरतलब है कि ब्रिटेन में अलग-अलग फेज़ में वैक्सीन देने का काम किया जाएगा। शुरुआत में हेल्थवर्कर्स, बुजुर्ग लोगों को वैक्सीन दी जा रही है, इसके बाद गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को प्राथमिकता में रखा गया है। भारत में भी आधा दर्जन वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है, जो अंतिम फेज में ही है।