नई दिल्ली.
जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता आतंकियों का निशाना बने हैं। गुरुवार को कुलगाम में तीन बीजेपी नेताओं की हत्या कर दी गई। जिसमें जम्मू-कश्मीर बीजेपी युवा मोर्चा के महासचिव भी शामिल थे। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के ही एक संगठन द रेजिजटैंस फ्रंट (RTF) ने ली है।
हालांकि, मौजूदा हमले में किन आतंकियों का हाथ था अभी सुरक्षाबल उनकी तलाश में जुटे हैं। गुरुवार को जिन भाजपा कार्यकतार्ओं की हत्या कर दी गई, उनमें फिदा हुसैन, उमर रशीद बेग और अब्देर रशीद बेग शामिल हैं। साउथ कश्मीर के काजीगुंड में आतंकियों ने कार में सवार बीजेपी के तीन नेताओं पर सामने से गोलियां बरसा दीं जब वो घर जा रहे थे।
आपको बता दें कि जून से लेकर अबतक जम्मू-कश्मीर में आठ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की हत्या कर दी गई है, जो अभी भी रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। आतंकियों की ओर से खुलेआम धमकी दी जा रही है कि घाटी के युवा बीजेपी के साथ ना आएं।
पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं
इनमें 8 जुलाई को ही बीजेपी नेता वसीम बारी, उनके भाई और पिता की हत्या कर दी गई। 4 अगस्त को कुलगाम के आखरन नौपुरा में बीजेपी के नेता और संरपच आरिफ अहमद पर जानलेवा हमला हुआ। 6 अक्टूबर को गांदरबल में भी जिला भाजपा उपाध्यक्ष गुलाम कादिर राथर को मार दिया गया था।
इसके अलावा पिछले महीने बडगाम में बीजेपी कार्यकर्ता और बीडीसी अध्यक्ष को आतंकियों ने मार गिराया था। गौरतलब है कि गुरुवार सुबह से ही जम्मू-कश्मीर में अलग-अलग इलाकों में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NAI) की छापेमारी हो रही थी। टेरर फंडिंग से जुड़े मामलों में आतंकियों के मददगारों पर शिकंजा कसा जा रहा था और शाम को बीजेपी नेताओं पर हमले की खबर सामने आ गई।