संदेश न्यूज। कोटा.
कोटा में क्लासरूम कोचिंग शुरू करवाने के लिए कोटा बचाओ संघर्ष समिति का आंदोलन जारी है। शहर के हॉस्टल, पीजी, मैस संचालक, व्यापारिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, ऑटो चालक, फुटकर व्यापारी और रोज कमाने वाले मजदूर को साथ लेकर बनाई गई कोटा बचाओ संघर्ष समिति द्वारा बुधवार को हटकर पहल शुरू की गई।
संघर्ष समिति के सदस्यों ने अब सरकार की कोरोना जागरूकता मुहिम का समर्थन करते हुए आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है, इसके तहत बुधवार को शहर के जवाहर नगर स्थित कोचिंग इलाकों में मास्क वितरण किया गया, वहीं हस्ताक्षर अभियान भी शुरू किया गया, जिसमें शहरवासी हस्ताक्षर कर अभियान में अपना समर्थन जताएंगे।
कोटा बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य बुधवार को पहले लैंडमार्क सिटी में एकत्रित हुए और यहां विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे। इसमें ऑटो चालक से लेकर यहां रह रहे स्टूडेंट्स और उनके अभिभावक भी थे। सभी का कहना था कि कोविड के चलते बहुत नुकसान हो रहा है। सरकार को चाहिए कि बीच का रास्ता निकालते हुए बच्चों की पढ़ाई शुरू करवाए। अभिभावकों व विद्यार्थियों का कहना था कि नियमित रूप से ऑनलाइन क्लासेज करने से आंखों में जलन और सिरदर्द रहने लगा है। वहीं ऑटो चालकों का कहना था कि कोचिंग नहीं चलने से कोटा में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, रोजगार नहीं मिल रहा है, घर चलाना मुश्किल हो रहा है।
मास्क बांटे, हस्ताक्षर करवाए
संघर्ष समिति के सदस्य इसके बाद जवाहर नगर इलाके में पहुंचे। यहां पहुंचकर कोचिंग क्षेत्र में हॉस्टल्स में रह रहे कुछ स्टूडेंट्स और आस-पास के इलाकों में व्यवसाय कर रहे लोगों से मिले और उन्हें मास्क वितरित किए। उन्हें कोरोना के बारे में जागरूक करते हुए सावधानी रखने की बात कही। वहीं इसके बाद जवाहर नगर क्षेत्र में बैनर लगाकर लोगों से हस्ताक्षर करवाए गए। शहरवासियों ने कोटा बचाओ संघर्ष समिति की इस मुहिम में अपना समर्थन हस्ताक्षर करके जताया।
लोगों का कहना था कि जब सरकार नर्सिंग कॉलेजों में फाइनल ईयर की पढ़ाई के लिए क्लासेज 1 दिसम्बर से शुरू करने जा रही है तो ये विद्यार्थी भी 17 से 21 वर्ष के बीच होते हैं और सावधानियां बरत सकते हैं। ऐसे में इनकी भी क्लासेज शुरू की जा सकती है। यह सही बात है कि जब तक कोचिंग नहीं चलेगी तब तक कोटा का अर्थचक्र नहीं चलेगा। यह जरूरी है कि कोटा में जल्द से जल्द कोचिंग शुरू की जाए ताकि घर-घर को राहत मिल सके।
सरकार को बीच का रास्ता निकालना चाहिए और कोविड के लिए गाइड लाइन जारी करनी चाहिए जिसके तहत कोचिंग शुरू की जा सके। संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा कि जब तक कोटा को सुदृढ़ आश्वासन और निर्धारित तिथि नहीं मिल जाती तब तक कोटा के लोगों के लिए यह आंदोलन जारी रहेगा। कोटा में कोचिंग नहीं खुलने से हर वर्ग प्रभावित है और यदि लम्बे समय तक यह चलता रहा तो कोटा बरसों पीछे चला जाएगा।