संदेश न्यूज। कोटा.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा की टीम ने मंगलवार को रिश्वत लेते एसीजेएम के रीडर और बाबू को गिरफ्तार किया है। आरोपी गोपाल प्रसाद जैन (रीडर) व सुरेश चंद (वरिष्ठ सहायक) अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम-1 में तैनात हैं। एसीबी एएसपी ठाकुर चन्द्रशील की अगुवाई में टीम ने 500 रुपए की रिश्वत लेते ट्रैप किया।
एसीबी की कार्रवाई के बाद अदालत में वकीलों का जमावड़ा लग गया। वकीलों में एसीबी जिंदाबाद के नारे लगाए। आरोपी गोपालप्रसाद जैन, चंबल कॉलोनी मालरोड का निवासी है, जबकि सुरेश चन्द, सिविल लाइन में रहते हैं। एएसपी ठाकुर चन्द्रशील ने बताया कि परिवादी शहजाद अली एडवोकेट ने शिकायत दी थी, इसमें उन्होंने कहा था कि वह अपने क्लाइंट के साथ एसीजेएम कोर्ट में गए थे।
वहां रीडर गोपाल ने जमानत मुचलके भरवाने की एवज में रिश्वत की मांग की। एडवोकेट शहजाद की इस शिकायत का एसीबी ने सत्यापन करवाया। सत्यापन में 1 हजार रुपए की रिश्वत मांगने की बात सही मिली। इसके बाद भी रीडर ने 500 रुपए ओर मांगें। मंगलवार को एसीबी ने जाल बिछाया और रीडर गोपाल को 500 रुपए की रिश्वत लेते ट्रैप किया। रिश्वत की राशि रीडर गोपाल के पर्स से बरामद हुई।
बिना रिश्वत नहीं होता काम
परिवादी वकील शहजाद अली खान ने बताया कि कोर्ट में बिना रिश्वत दिए काम नही होता। मुकदमों में तारीख देने, आरोपी की जमानत होने पर जमानत मुचलका तस्दीक करने सहित अन्य काम के लिए रिश्वत मांगी जाती है। रिश्वत देने पर ही इस्तेगासा पास करते हैं। रिश्वत नहीं देने पर एक से डेढ़ माह तक फाइलों को लटकाया जाता है।
रिश्वत की राशि बाबू सुरेश लेता है। जानकारी के मुताबिक, दोनों को हर माह 50-50 हजार के करीब वेतन मिलता है। बावजूद उसके ये रिश्वत की मांग करते हैं। कोर्ट में प्रतिदिन लगभग 100 फाइल आती है। बिना पैसे के फाइल आगे नहीं बढ़ती है। एक फाइल पर 500 से 2000 रुपए तक की रिश्वत लेते हैं। बाद में दोनों रिश्वत की रकम आपस मे बांट लेते हैं।