संदेश न्यूज। कोटा/नई दिल्ली.
भारतीय महिला मुक्केबाजों ने मोंटेनेग्रो (अफ्रीका) के बुडवा में आयोजित 30वें एड्रियाटिक पर्ल मुक्केबाजी टूर्नामेंट के अंतिम दिन सोमवार को चमकदार खेल दिखाते हुए दो स्वर्ण पदक पक्के किए। इसमें एक स्वर्ण पदक कोटा की बेटी अरुंधति चौधरी ने हासिल कर किया है। अंतिम दिन की सफलता के बूते भारतीय महिला दल ने 10 पदकों के साथ पहला स्थान हासिल कर नया कीर्तिमान स्थापित किया। कोटा मुक्केबाजी संघ के महासचिव देवी सिंह भाटी ने बताया कि 18 से 22 फरवरी तक आयोजित इस प्रतियोगिता कोटा की अरुंधति चौधरी ने 69 किलोग्राम भार वर्ग में भारतीय टीम को स्वर्ण पदक दिलाया।
तीन बार की ‘खेलो इंडिया’ अभियान की गोल्ड मेडलिस्ट कोटा (राजस्थान) निवासी अरुंधति ने एक बार फिर अपना वर्चस्व दिखाते हुए पहली फाइट में फिनलैंड व दूसरी फाइट में उज्बेकिस्तान के खिलाफ एकतरफा जीत की। इसी शानदार को प्रदर्शन को फाइनल मुकाबले में दोहराते हुए उन्होंने यूक्रेन की मुक्केबाज मारयाना स्टोइको को एकतरफा अंदाज में 5-0 से हराया। अरुंधति चौधरी ने कोटा में महाबली स्पोर्ट अकेडमी में प्रशिक्षण हासिल किया है। उनके कोच अशोक गौतम ने बताया कि अरुंधति ने पहले कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक प्राप्त किए हैं।
माता-पिता को उम्मीद, अरुंधति ओलंपिक में भी भारत को दिलाएगी पदक
अरुंधति की इस उपलब्धि पर पिता सुरेश चौधरी व माता सुनीता चौधरी, राजस्थान मुक्केबाजी संघ के महासचिव और भारतीय मुक्केबाजी संघ के वाइस प्रेसिडेंट नरेंद्र कुमार निर्वाण ने खुशी जाहिर की और कहा अरुंधति एक दिन देश को ओलंपिक में पदक दिलाएगी। अरुंधति की जीत पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, स्वायत्त शासन नगरीय विकास मंत्री शांति कुमार धारीवाल, खेल मंत्री अशोक चांदना, समाज सेविका एकता धारीवाल, सेवानिवृत्त पुलिस उप अधीक्षक शिव भगवान गोदारा सहित कई शहर के गणमान्य नागरिकों ने अरुंधति को जीत की बधाई दी।
टूर्नामेंट में भारत को मिले पांच स्वर्ण पदक
इस टूर्नामेंट में सोमवार को ही अरुंधति के साथ ही मणिपुर की बेबीरोजीसाना चानू ने 51 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किया जबकि लकी राणा ने रजत पदक जीता। मणिपुर की चानू ने एमसी मैरी कोम अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। उन्हें एशियाई जूनियर चैम्पियन उजबेकिस्तान की सबीना बोबोकुलोवा के खिलाफ जीत हासिल करने के लिए मेहनत करनी पड़ी। कड़े मुकाबले में चानू को सबीना के खिलाफ 3-2 से जीत मिली।
वहीं, 64 किग्रा वर्ग के फाइनल में लकी को फिनलैंड की मुक्केबाज लिया पुकिला के हाथों हार के बाद रजत से संतोष करना पड़ा। इससे पहले अल्फिया पठान (+81), विंका (60) और टी. सानामाचा चानू (75 किग्रा) अन्य भारतीय महिला मुक्केबाज हैं, जिन्होंने इस टूर्नामेंट में इससे पहले अपने-अपने वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किए थे। भारतीय महिलाएं कुल 10 पदकों (पांच स्वर्ण, तीन रजत और दो कांस्य) के साथ टॉप टीम के तौर पर उभरी। जबकि पुरुष वर्ग में भारत ने दो पदक जीते। इस तरह भारतीय मुक्केबाजी दल ने कुल 12 पदकों के साथ टूर्नामेंट में दूसरा स्थान प्राप्त किया।