संदेश न्यूज। कोटा.
बारां घूम प्रकरण में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बुधवार को पूर्व कलक्टनर इन्द्र सिंह राव को गिरफ्तार कर लिया। ब्यूरो के महानिदेशक बीएल सोनी ने बताया कि 9 दिसंबर को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कोटा टीम द्वारा ट्रैप की कार्रवाई की गई। परिवादी गोविंद सिंह की पेट्रोल पंप के लिए आवंटन के नवीनीकरण के लिए भूमि संपरिवर्तन एवं एनओसी जारी करने के नाम पर जिला कलक्टर के पीए महावीर प्रसाद नागर को 1 लाख 40 हजार की राशि रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। प्रकरण में तत्कालीन 12 जिला कलक्टर इन्द्रसिंह राव की भूमिका संदिग्ध होने पर राज्य सरकार द्वारा उन्हें तत्काल प्रभाव से एपीओ कर दिया गया था एवं ब्यूरो में इस संबंध में प्रकरण दर्ज कर अतिरिक्त महानिदेशक एमएन दिनेश के सुपरविजन में अनुसंधान अधिकारी चन्द्रप्रकाश शर्मा के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया जाकर अनुसंधान किया जा रहा था। अनुसंधान में तत्कालीन कलक्टर इन्द्रसिंह राव के विरुद्ध भूमिका के संबंध में पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर बुधवार शाम 5 बजे इन्द्रसिंह राव को प्रकरण के अनुसंधान अधिकारी चंद्रप्रकाश शर्मा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं सचिन शर्मा उप अधीक्षक पुलिस तथा महेश तिवारी पुलिस निरीक्षक की विशेष टीम ने कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया। आरोपी अधिकारी के आवास पर तलाशी की करवाई की गई। आरोपी को 24 दिसंबर को न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम मामलात कोर्ट में पेश किया जाएगा।
6 बार एपीओ व एक बार सस्पेंड हो चुके हैं सिंह
गौरतलब है कि इन्द्रसिंह राव के विरुद्ध एफआईआर 308/2020 धारा 7, 7ए पीसी एक्ट एवं 120 बी आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था। पीए महावीर ने पूछताछ में कलक्टर के लिए रिश्वत लेना कबूल किया था। जांच में बारां कलक्टर रहे राव की संलिप्तता के कई अहम सबूत मिले थे। पीए ने कलक्टर के कहने पर 1.40 लाख की घूस ली है। इसमें 1 लाख कलक्टर के और 40 हजार रुपए पीए के थे। एसीबी ने कलक्टर कार्यालय कक्ष, पीए कक्ष व राजस्व शाखा में कई फाइलों को खंगाला गया। उन फाइलों को कब्जे में लिया, जिससे रिश्वत के मामले की जांच को सही दिशा मिल सके।
एडिशनल एसपी ठाकुर चन्द्रशील व टीम द्वारा कलक्टर के पीए महावीर नागर को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था जिन्हें कोर्ट द्वारा जेल भेजा जा चुका है। इंद्रसिंह राव राजस्थान प्रशासनिक सेवा 1989 बैच के अफसर हैं। 31 साल के कार्यकाल में राव अब तक 6 बार अलग-अलग मामलों में एपीओ हो चुके हैं। वहीं, एक बार उन्हें सस्पेंड भी किया जा चुका है। राव 1999 में पहली बार एपीओ किए गए। इसके बाद 2004, 2005, 2008, 2011 और अब 2020 में छठी बार एपीओ किए गए हैं।