संदेश न्यूज। कोटा.
बारां के पूर्व कलक्टर आईएएस इंद्रसिंह राव को शुक्रवार रिमांड अवधि पूर्ण होने पर एसीबी के अधिकारियों ने जिला एवं सेशन न्यायाधीश योगेंद्र कुमार पुरोहित के निवास पर पेश किया, जहां से उन्हें 6 जनवरी तक जेल भेजने के आदेश दिए। इसके बाद एसीबी टीम ने आईएएस इंद्रसिंह राव को कोटा सेंट्रल जेल भेज दिया है। राव का कैदी नम्बर 2446 है और उन्हें बैरक नम्बर 24 में रखा गया है। एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इंटेलिजेंस जयपुर सीपी शर्मा का कहना है कि प्रॉपर्टी के बारे में हमने जो पूछताछ की थी, उसमें क्लियर किया है कि कौन सी प्रॉपर्टी कब खरीदी है। अब इसका पूरा अलग रिकॉर्ड बनाया जा रहा है, जो भी संपत्ति है उससे इसका मिलान किया जाएगा। जिस फाइल को लेकर रिश्वत ली गई थी, हमने उसकी डिटेल भी ली है, आरोपी राव ने पूछताछ में बहुत ज्यादा सहयोग नहीं किया, जिस पर हमने नार्को और वायस सैंपल लेने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने इसके लिए इनकार कर दिया है, ऐसे में हम आगे नार्को और वॉयस सैंपल के लिए एप्लीकेशन लगा सकते हैं। एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शर्मा का कहना है कि जो चांदी का सिक्का कलेक्टरों को गिफ्ट में मिलने की बात कही जा रही थी, वह अभी तक तलाशी में नहीं मिला है, बंगले की तलाशी होगी, तो उस सिक्के को भी तलाशा जाएगा।
गौरतलब है कि बारां में 9 दिसम्बर को पेट्रोल पंप की एनओसी जारी करने की एवज में 1 लाख 40 हजार रिश्वत लेते कोटा एसीबी की टीम ने बारां कलेक्टर इंद्र सिंह राव के पीए महावीर नागर को गिरफ्तार किया था। महावीर ने उच्चाधिकारी के कहने पर पैसे लिए जाने का खुलासा किया था। इसके बाद बुधवार को जयुपर एसीबी की टीम ने इंद्र सिंह राव को पूछताछ के लिए जयपुर ऑफिस बुलाया। वहां उनको गिरफ्तार कर लिया गया था।
रिश्वत लेने की बात से करते रहे इनकार, कॉल डिटेल पर नहीं दिया जवाब
उधर, एसीबी चौकी में इंद्र सिंह राव से अधिकारियों ने करीब दो घंटे तक पूछताछ की। ज्यादातर सवालों के जवाब में उन्होंने रिश्वत लेने की बात नकार दी। हालांकि, जब उनकी संपत्ति और कॉल डिटेल्स से जुड़े सवाल पूछे गए तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।