संदेश न्यूज। कोटा.
देश में किसान आंदोलन अब राजनीतिक हाथों में आ गया है, जो मांग सालों से चली आ रही थी, उसे ही पूरा किया गया है। केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बुधवार को किसान बिल पर खुलकर बात की। कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और कहा कि जिन्होंने अपने घोषणा पत्रों में 33 कानूनों से संबंधित जो वादे किए थे, अब जब मोदी सरकार ने कानून बना दिया है, तो वही लोग इसका विरोध कर रहे हैं, कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में डाला है, डीएमके ने अपने 2016 के घोषणा पत्र में डाला है, ऐसे में किसानों को बरगलाना ठीक नहीं है।
किसानों से हर मुददे पर बात करने को तैयार हैं, जहां भी संशोधन किया जा सकेगा वहां करेंगे। बुधवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में मेघवाल ने कहा कि जब लोगों कि डिमांड होती है, तभी घोषणा पत्र में उन्हें डाला जाता है, सभी ने दावा किया था कि कृषि कानून लेकर आएंगे। सब्जी ने एपीएमसी व एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट समाप्त करेंगे वहीं, कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग को बढ़ावा देंगे, यहीं कानून हमने बनाएं हैं। कॉन्टैक्ट फार्मिंग पहले भी होती थी बस हमने इसे कागजों पर ला दिया है ताकी किसी भी किसान के साथ धोखा नहीं हो।
1990 की किसानों की मांगों को पूरा किया
1990 में वीपी सिंह सरकार में गठित भानूप्रताप कमेटी ने किसानों के हित के लिए जो रिपोर्ट दी थी और जिसे तत्कालीन उपप्रधानमंत्री देवीलाल ने प्रधानमंत्री को सौंपा था। तब से किसानों के हित में कानून संशोधित करने की मांग चल रही है। उन्होंने बताया कि इसके बाद नरसिम्हा राव सरकार में कुछ नहीं हुआ, फिर अटलबिहारी वाजपेयी सरकार ने किसानों के हित में बड़ा काम किया और किसान क्रेडिट कार्ड और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सौगात किसानों को दी।
मेघवाल ने बताया है कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में बनीं कमेटी ने भी किसान कानूनों में व्यपाक सुधारों की मांग की थी। शांता कुमार कमेटी, स्वामीनाथन आयोग ने भी किसानों के हित में सुझाव दिए थे। जब सभी सुझावों को लागू कर रहे हैं तो वहीं लोग विरोध कर किसानों को बरगला रहे हैं। केंद्रीयमंत्री मेघवाल ने कहा प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ी सरलता से बताया है, दूध प्राइवेट डेयरियां खरीदतीं हैं, इससे उसकी कीमत भी बढ़ कर मिलती हैं, उनका समझौता दूध का होता है, पशुधन का नहीं। इसी तरह समझौता उपज का होगा, जमीन का नहीं। बेबजह भ्रम फैलाया जा रहा है।
पालयट गुट नहीं संभल रहा गहलोत से
उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और कहा कि ये अस्थिर सरकार है, जिस तरह हिलती-डुलती दीवार कभी भी गिर सकती है, वैसे ही ये सरकार भी गिर सकती है। स्वयं गहलोत अपने ही लोगों से परेशान हैं। एक गुट ही गहलोत से नहीं संभल रहा है। जिन लोगों को मंत्री बनाने व कमेटी का अध्यक्ष बनाने का वादा किया था, उन्हें नहीं बनाने पर फिर से विरोध के स्वर मुखर हो रहे हैं।
इस अवसर पर शहर जिला अध्यक्ष कृष्ण कुमार सोनी, भाजपा के संभागीय मीडिया प्रभारी अरविन्द सिसोदिया, महिला मोर्चा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मधु शर्मा, जिला महामंत्री चन्द्रशेखर नरवाल, जिला उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह खीची, जिला मंत्री रेखा खेलवाल, आई टी संयोजक रजनीश राणा एवं सर्वेश शर्मा आदि मौजूद थे।