संदेश न्यूज। कोटा.
कैथून पुलिस ने वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पांच शातिर चोरों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से दो टैÑक्टर, तीन ट्रॉलियां, एक मोटर साइकिल व एक आटा चक्की बरामद की है। पुलिस अधीक्षक (कोटा ग्रामीण) शरद चौधरी ने बताया कि वाहन चोरी की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए थाना स्तर पर विशेष टीमों का गठन किया गया। टीम ने चोर गिरोह का पता लगाकर आधा दर्जन वारदातों का खुलासा करने में सफलता प्राप्त की है।
उन्होंने बताया कि 24 दिसंबर 2020 को शंभू पुरी निवासी ग्राम जाखोड़ा ने कैथून थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके घर के बाहर से रात के समय ट्रैक्टर चोरी हो गया। उसी दिन गंदीफली के त्रिलोक पुत्र शिवराज शिवप्रसाद ने डंपर ट्रॉली चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। दोनों घटनाओं को लेकर जांच शुरू की गई। घटनास्थल के आस-पास के सभी रास्तों के सीसीटीवी फुटेज देखे गए एवं गहनता से तकनीकी अनुसंधान किया गया। 31 जनवरी को सूचना मिली कि ग्राम मवासा में एक ट्रॉली खड़ी है, जिसे चार-पांच लोग बेचने का प्रयास कर रहे हैं। इस पर पुलिस जाब्ता द्वारा तुरंत मवासा पहुंचा और पांच संदिग्ध व्यक्ति राजू उर्फ राजेंद्र मीणा, धनपाल नागर, विष्णु जाट, सूरज उर्फ भूरिया व सतेंद्र उर्फ जीतू को राउंडअप करके पूछताछ की गई।
ट्रॉली को चेक किया तो पता चला कि वह 23 दिसंबर 2020 की रात को जाखोड़ा से चोरी हुई ट्रॉली है। चोरों को गिरफ्तार कर थाने पर लाकर सख्ती से पूछताछ की गई तो उन्होंने चोरी की वारदात करना कबूल कर लिया। यह भी बताया कि उन्होंने झालावाड़ जिले दहीखेड़ा, बारां जिले के ग्राम बटावदी से ट्रॉली तथा कोटा के प्रेमनगर से आटाचक्की, सीमलिया थाना क्षेत्र के ग्राम बल्लभपुरा से मोटरसाइकिल चोरी की है। चोरी के सभी वाहन मुलजिम धनपाल नागर के ग्राम मवासा में बाड़े में रखे होने की बात कही। पुलिस ने वहां से 2 ट्रैक्टर, 3 ट्रॉली, एक आटा चक्की व एक मोटरसाइकिल बरामद की।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अभियुक्त धनपाल नागर का कोटा शहर के प्रेम नगर में वाटर प्लांट है, जहां विष्णु जाट भी काम करता है। उसके पास ही सूरज उर्फ भूरिया व सतेंद्र उर्फ जीतू की पार्टनरशिप में मोटरसाइकिल मैकेनिक की दुकान है। अगस्त 2020 में धनपाल नागर का पास के वाटर प्लांट वाले से लड़ाई झगड़ा हो गया था। धनपाल नागर विष्णु जाट व सूरज तीनों प्राणघातक हमले के आरोप में करीब दो माह तक कोटा सेंट्रल जेल में रहे। जहां इनका संपर्क राजेंद्र मीणा से हो गया। राजेंद्र मीणा शातिर चोर है, जिसके परिवार में अन्य कोई सदस्य नहीं है।
राजू उर्फ राजेंद्र मीणा ने जेल में धनपाल नागर से कहा कि तेरी जमानत होने के बाद यदि तू मेरी भी जमानत करा देगा तो मैं चोरी करने में एक्सपर्ट हूं तुम्हें भी चोरी करना सिखा दूंगा। बड़ी-बड़ी चोरियां करवाकर मालामाल कर दूंगा। इस पर धनपाल नागर ने स्वयं की जमानत होने के बाद राजेंद्र मीणा की भी जमानत करवा दी, जिसके बाद राजेंद्र मीणा व धनपाल नागर ने मिलकर आपराधिक चोर गिरोह बना लिया। ये लोग लगातार चोरी की घटनाएं करने लगे। धनपाल नागर के पास एक मारुति इको वैन है, जिसमें गिरोह के सभी सदस्य बैठकर दूर-दूर तक जाते हैं एवं चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं।
इस पुलिस टीम को मिली कामयाबी
इस गिरोह का पर्दाफाश करने वाली पुलिस टीम में राजेश कुमार सोनी पुलिस निरीक्षक, पुरुषोत्तम सहायक उपनिरीक्षक, रघुराज सिंह सहायक उपनिरीक्षक, जलील मोहम्मद कांस्टेबल, कमलेश सोनू, राजाराम पुलिस टीम में शामिल हैं।