संदेश न्यूज। कोटा.
मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में 7 बाघ-बाघिन खोने के बाद यहां पर शेष एक बाघिन एमटी-4 की जोड़ी बनाने के प्रयासों के तहत मंगलवार को एनटीसीए की तीन सदस्यीय टीम दो दिवसीय दौरे पर कोटा पहुंची। इस टीम के कोटा पहुंचने के बाद कोटा के वन्यजीव पे्रमियों के साथ सर्किट हाऊस में विस्तार से चर्चा की।
इस टीम में एनटीसीए के डीआईजी राजेंद्र गरवाड़, रिटायर्ड पीसीसीएफ तमिलनाडु राजीव श्रीवास्तव और डब्ल्यूआईआई से अभिषेक भटनागर के साथ मुकुंदर के मुख्य वन्यजीव संरक्षक सेडूराम यादव सहित अन्य मौजूद रहे। बैठक में वाइल्ड लाइफ पे्रमियों ने कहा कि मुकुंदरा को आबाद करने के लिए नए बाघ की आवश्यकता है, एक बाघिन जो बची है, उसको सुरक्षित रखने के लिए बाघ आवश्क है।
मुकुंदरा सलाहकार समिति के सदस्य तपेश्वर सिंह भाटी ने कहा कि पिछले समय में बाघ विस्थापन को लेकर एनटीसीए और राज्य सरकार के बीच जो विवाद हुआ, उसका खामियाजा मुकुंदरा को 7 बाघ-बाघिन खोकर चुकाना पड़ा। मुकुंदरा में बाघ आने के बाद एक बार भी एनटीसीए और डब्ल्यूआईआई के सदस्य दौरा करने नहीं है।
बाघ विस्थापन के बाद क्या कमियां रही, उनको कैसे सुधार सकते हैं, उसके बारे में एनटीसीए से कोई सपोर्ट नहीं मिला। वहीं बृजेश विजयवर्गीय ने कहा कि पिछली बार जो कमियां रही है, उनको पहले दूर किया जाए, उसके बाद ही बाघ-बाघिन को शिफ्ट किया जाए। बनवारी यदुवंशी ने कहा कि सॉफ्ट व हार्ड एनक्लोजर के मौजूद आवारा व पालतु पशुओं व स्वान की की समस्या का खत्म किया जाए, ताकि जिस शिकार की वजह से एमटी-3 बाघ की मौत हुई है, उस तरह का मामला दूसरा नहीं देखना पड़े।
डॉ. सुधीर गुप्ता ने कहा कि एक बाघिन के साथ यहां पर एक बाघ तो लाना ही होगा, साथ एक बाघिन ओर शिफ्ट की जाए, ताकि एक बाघिन के बच्चे होने के बाद बाघ स्ट्रेस नहीं रहे, उनमें आपस में लड़ाई नहीं हो। जैसा एमटी-2 बाघिन के मामले में हमें देखने को मिला।
वहीं इसके अलावा मुकुंदरा में बाघों के लिए प्री-बेस बढ़ाने, एनक्लोजर के स्थान पर रेलवे लाइन को कवर्ड करने, हाइवे पर वन्यजीवों को दूसरी ओर निकलने के लिए कोरिडोर बनाने, रेल पटरी पर वन्यजीव की मृत्यु होने पर रेलवे से जुर्माना वसुलने, दूसरे प्रदेश से भी बाघ शिफ्ट करने, बाघ शिफ्ट करने के लिए राज्य सरकार और एनटीसीए में सामंजस्य हो, आपस में विवाद नहीं होना चाहिए, स्थानीय वाइल्ड लाइफ से जुड़े वन्यजीव पे्रमियों, विद्यार्थियों और ग्रामीणों को भी मुकुंदरा से जोड़ा जाए। मॉनिटरिंग टीमों में भी शामिल किया जाए। स्वान की समस्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन में संशोधन
करवाया जाए।