जयपुर.
अलवर जिले के बहरोड़ थाने की हवालात से 6 सितंबर को फायरिंग करके भाग निकले मोस्ट वांटेड गैंगस्टर पपला उर्फ विक्रम गुर्जर को जयपुर पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। पपला की फरारी के बाद तीन लाख रुपए का ईनाम घोषित कर रखा था। यह कार्रवाई जयपुर रेंज आईजी हवासिंह घुमरिया के निर्देशन में पुलिस ने की। 5 सितंबर को बहरोड़ थाना पुलिस ने गश्त के दौरान एक स्कॉर्पियो में सवार हरियाणा के मोस्ट वांटेड ईनामी बदमाश पपला गुर्जर को संदिग्ध गतिविधियों के चलते धरदबोचा था। उसकी गाड़ी में करीब 32 लाख रुपए की नकद राशि बरामद की थी। तब पुलिस ने पपला गुर्जर को बहरोड़ की हवालात में बंद कर दिया। अगले दिन 6 सितंबर को सुबह करीब 7:30 बजे पपला की गैंग में शामिल करीब 8-10 हथियारबंद बदमाश बहरोड़ थाने पहुंचे। वहां अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद हवालात में बंद पपला गुर्जर को छुड़ाकर भाग निकले थे। वारदात के बाद उसकी गैंग में शामिल करीब 20 बदमाशों को पुलिस ने धरदबोचा था। सभी पर 50-50 हजार रुपए के ईनाम घोषित किए गए थे।
एसओजी को सौंपी गई थी जांच
केस की जांच एसओजी राजस्थान पुलिस को सौंपी गई थी। तब फरार पपला पर एक लाख रुपए का ईनाम घोषित किया गया था। जिसे बढ़ाकर तीन लाख किया गया था। पपला को पकड़ने के लिए राजस्थान पुलिस ने हरियाणा और यूपी पुलिस के सहयोग से सर्च आॅपरेशन चलाया। लेकिन पपला का कोई सुराग नहीं मिला था। आज शाम 5:30 बजे डीजीपी राजस्थान पपला की गिरफ्तारी के मामले में प्रेस कांफ्रेंस कर खुलासा करेंगे।
गैंग के 30 बदमाश पहले से जेल में
एसओजी के तत्कालीन एडीजी अनिल पालीवाल व एएसपी करण शर्मा के निर्देशन में टीम ने पपला गुर्जर को हवालात से भगाने और उसकी गैंग में शामिल 30 बदमाशों को गिरफ्तार किया था। इनमें ज्यादातर पर इनाम घोषित था। ये सभी जेल में बंद है। गैंग में से सिर्फ पपला गुर्जर और साथी राजवीर फरार चल रहे थे।