ब्रिस्बेन.
ब्रिस्बेन टेस्ट के तीसरे दिन गाबा की तेज और उछाल भरी पिच पर वॉशिंगटन सुंदर और शार्दुल ठाकुर ने कमाल कर दिया। 186 के स्कोर पर जब ऋषभ पंत आउट हुए, तो लगा भारतीय टीम जल्द ही सिमट जाएगी। लेकिन, सुंदर और शार्दुल की जोड़ी ने ऑस्ट्रेलियाई पेस अटैक की धज्जियां उड़ाते हुए भारत को मैच में वापस ला दिया। 186 के स्कोर पर 6 विकेट गिरने के बाद इन दोनों ही बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को आड़े हाथों लिया और खुलकर शॉट्स लगाए। वॉशिंगटन सुंदर और शार्दुल ठाकुर ने मिलकर सातवें विकेट के लिए 123 रनों की पार्टनरशिप कर दी।
गाबा की तेज और उछाल भरी पिच पर वॉशिंगटन सुंदर और शार्दुल ठाकुर ने सातवें विकेट के लिए 123 रनों की पार्टनरशिप कर कपिल देव और मनोज प्रभाकर की जोड़ी का 30 साल पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया। ब्रिस्बेन के मैदान पर इससे पहले सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड कपिल देव और मनोज प्रभाकर के नाम था। साल 1991 में कपिल और प्रभाकर ने गाबा की पिच पर सातवें विकेट के लिए 58 रनों की साझेदारी की थी। इसके बाद तीसरे नंबर पर महेंद्र सिंह धोनी और रविचंद्रन अश्विन का नाम आता है। इन दोनों ने 2014 में सातवें विकेट के लिए 57 रन जोड़े थे।
अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे वॉशिंगटन सुंदर को बतौर ऑलराउंडर प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया और उन्होंने अर्धशतक लगाकर अपने डेब्यू टेस्ट मैच को यादगार बना दिया। शार्दुल ठाकुर (67) ने भी फिफ्टी लगाकर हर किसी को अपना मुरीद बना लिया। भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में सातवें विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड रविंद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन के नाम है। इन दोनों ने साल 2019 में सिडनी में 204 रनों की बड़ी साझेदार की थी वह मैच बारिश के कारण धुल गया था और मैच ड्रॉ रहा था।